टेक्नोलॉजी के इस युग में आज हमारे घर एक स्मार्ट घर में तब्दील हो चुके है, जिसमें सुबह से लेकर रात तक हम कई इलेक्ट्रॉनिक और इंटेलिजेंट गैजेट्स जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप कंप्यूटर, स्मार्ट टीवी, वॉयस असिस्टेंस डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. इन एक्सपेंसिव आइटम को सिक्योर करने के लिए गैजेट इंश्योरेंस तेजी से पॉपुलर हो रहा है, लेकिन हम में से कितने लोग गैजेट इंश्योरेंस (Gadget Insurance) के बारे में जानते हैं? इसलिए आपके लिए हम लाए हैं गैजेट इंश्योरेंस से जुड़ी 9 काम की बातें.
यह एक इंश्योरेंस प्लान है जहां आपको एक्सीडेंटल डैमेज, गैजेट्स पर पानी/फ्लुइड गिरना से, चोरी और आग से होने वाले डैमेज से प्रोटेक्शन मिलता है. ये इंश्योरेंस वारंटी की तुलना में एक्सटेंसिव कवरेज प्रोवाइड करते हैं.
गैजेट्स की एक लिस्ट है जिनका इंश्योरेंस किया जा सकता है जैसे सेल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा, कंप्यूटर आदि. गैजेट चोरी होने, डैमेज होने की स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी नुकसान की भरपाई करती है.
मैन्युफैक्चरर आमतौर पर एक साल की वारंटी देते हैं जो ज्यादातर मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट और कुछ अन्य चीजों तक सीमित होती है. इसलिए, यदि कोई गैजेट चोरी या डैमेज हो जाता है, तो आपको अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है. इन वजहों से लोग अपने गैजेट्स के लिए इंश्योरेंस कवर लेना पसंद करते हैं.
गैजेट की डिफॉल्ट वारंटी स्कीम में कोई चोरी या फिजिकल डैमेज शामिल नहीं है. इसे आपको अपनी पसंद के हिसाब से अलग से खरीदना होगा.
गैजेट इंश्योरेंस फिजिकल या इलेक्ट्रॉनिक एक्सीडेंट होने पर प्रोटेक्शन देता है. महंगे गैजेट्स को प्रोटेक्ट करने के लिए यह बहुत जरूरी है. आपको पानी या दूसरे किसी लिक्विड की वजह से डैमेज होने या चोरी जैसे मामलों में इंश्योरेंस के जरिए एक प्रोटेक्शन मिलता है. आपको गैजेट के रिप्लेसमेंट के लिए मुआवजा दिया जाता है.
कुछ मामलों में, टोटल लॉस या चोरी के मामले में, डेप्रिसिएशन वैल्यू गैजेट की टोटल वैल्यू से काट ली जाती है और बकाया राशि कस्टमर के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है.
चोरी, लिक्विड डैमेज, फिजिकल डैमेज और कई और मामले गैजेट इंश्योरेंस में कवर किए जाते हैं. यह वारंटी कवरेज से बिल्कुल अलग है. वारंटी कवरेज में केवल मैन्युफैक्चरिंग और सॉफ्टवेयर रिलेटेड डिफेक्ट को कवर किया जाता है, लेकिन इंश्योरेंस कवरेज में लगभग सभी चीजें कवर की जाती हैं.
आपको अपने गैजेट्स और आपके द्वारा चुने गए प्लान के अनुसार पेमेंट करना होगा. मान लीजिए अगर आप मोबाइल इंश्योरेंस के लिए जाते हैं, तो सालाना प्रीमियम 50 रुपये से लेकर 13,000 रुपये तक होगा. वहीं, लैपटॉप के लिए यह 500 रुपये से 1 लाख रुपये के बीच है.
स्मार्ट टीवी, स्मार्ट एप्लायंस में भी आपकी जरूरत के हिसाब से कई इंश्योरेंस ऑप्शन हैं. इनकी कॉस्ट भी मल्टीपिल फैक्टर्स को देखते हुए अलग-अलग होती है.
गैजेट इंश्योरेंस केवल नए गैजेट्स के लिए खरीदा जा सकता है, पुराने गैजेट्स के लिए नहीं. जब आप गैजेट खरीदते हैं तो ये उन्ही दुकानों में आसानी से अवेलेबल हो जाता है. इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा या उनकी ब्रांच में या एजेंटों के माध्यम से ये कवर नहीं बेचा जाता है. लेकिन अब कुछ प्राइवेट कंपनियां जैसे एको, ICICI लोम्बार्ड, बजाज फिनसर्व और कुछ अन्य कंपनियां मोबाइल फोन के साथ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के लिए ऑनलाइन इंश्योरेंस ऑफर कर रही हैं.
एक बार जब आपका गैजेट चोरी या डैमेज हो जाता है तो आप रिम्बर्समेंट के लिए क्लेम कर सकते हैं. लेकिन आपको गैजेट का बिल और सीरियल नंबर भी रखना होगा, क्योंकि क्लेम फाइल करते समय इन दोनों की जरूरत होगी.
गुम होने या चोरी होने के 24 घंटों के अंदर FIR फाइल करें. फिर क्लेम की इन्फॉरमेशन और FIR के साथ 48 घंटों के अंदर क्लेम फाइल करें.
आम तौर पर, इंश्योरेंस कंपनियां इश्यू को बंद कर देती हैं और सभी क्राइटेरिया के पूरा होने पर, क्लेम सबमिट करने के 3 से 7 दिनों के अंदर अमाउंट क्रेडिट कर देती हैं.
यदि वो आपके क्लेम को रिजेक्ट करती हैं, तो पता करें ऐसा किस वजह से हुआ और बातचीत के द्वारा इसे हल करने की कोशिश करें, क्योंकि इंश्योरेंस कंपनियां कभी-कभी क्लेम से बचने की कोशिश कर सकती हैं.
इंडस्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि इस इंडस्ट्री ने पिछले 18 महीनों में देश भर में कम से कम 30% की बढ़त देखी है.
ऑनसाइटगो, जो एक्सटेंडेड वारंटी ऑफर करती है, ने कहा कि जून, 2020 से इंश्योरेंस प्रोडक्ट के टिकट साइज में डैमेज प्रोटेक्शन में 30% की बढ़त देखी गई है. इंश्योरेंस प्रीमियम का एवरेज टिकट साइज 2,500 रुपये है.
एको जनरल इंश्योरेंस, जो दूसरे गैजेट इंश्योरेंस के साथ-साथ मोबाइल फोन इंश्योरेंस ऑफर करता है, उसने गैजेट इंश्योरेंस के प्रीमियम कलेक्शन के टिकट साइज में 30-35% की बढ़त देखी है.