व्यापक हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टफोलियो बनाने के लिए बाजार में ठोस प्लानिंग और बीमा उत्पादों की गहरी समझ जरूरी है. आपका इंश्योरेंस पोर्टफोलियो पोर्टफोलियो ऐसा होना चाहिए, जो जरूरत के समय आपको वित्तीय स्थिरता प्रदान करता हो. अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें.
अलग से लें हेल्थ प्लान
अगर आप किसी कंपनी में जॉब करते हैं और उसकी वजह से आपको हेल्थ पॉलिसी (health policy) मिलती है तब भी आपको अलग से एक हेल्थ प्लान (health plan) खरीदना चाहिए जिससे कि नौकरी जाने की स्थिति में आप पर इलाज के खर्च की जिम्मेदारी ना आए.
पॉलिसी के दस्तावेजों को ठीक से पढ़ें
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय उसके दस्तावेजों को ठीक से जरूर पढ़ें. लोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से पहले प्रत्येक नीति के नियमों और शर्तों एक बोझिल प्रक्रिया की तरह देखते हैं. लेकिन पॉलिसी के दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ने से आपको बाद में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.
टैक्स लाभ के लिए न खरीदें पॉलिसी
हममें से ज्यादातर लोग टैक्स लाभ के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं. यह सही दृष्टिकोण नहीं है क्योंकि हम अक्सर जरूरी कवरेज की अनदेखी करते हैं. इसी के साथ ही नियम और शर्तों को पढ़ने से बचते हैं.
पहले से मौजूद बीमारियां कवर हैं कि नहीं?
सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करते हैं. लेकिन, इन्हें 48 महीने के बाद ही कवर किया जाता है. कुछ 36 महीने बाद इन्हें कवर करते हैं. हालांकि, पॉलिसी खरीदते वक्त ही पहले से मौजूद बीमारियों के बारे में बताना होता है. इससे क्लेम सेटेलमेंट में दिक्कत नहीं आती है.
अस्पतालों का नेटवर्क
किसी भी हेल्थ प्लान में निवेश करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप योजना के तहत आने वाले नेटवर्क अस्पतालों पर विचार किया है. नेटवर्क अस्पताल अस्पतालों का एक समूह हैं जो आपको अपनी वर्तमान हेल्थ प्लान को भुनाने की अनुमति देता है.
नो क्लेम बोनस का फायदा
अगर आप कम उम्र में कवर ले लेंगे तो आपको मामूली प्रीमियम चुकाने पर ही अधिक रकम का कवरेज मिल जाएगा. हर साल हेल्थ प्लान को रिन्यू कराते रहने से आपको नो क्लेम बोनस (No Claim Bonus) का लाभ मिलता रहेगा.
सुपर टॉप-अप से करें अपग्रेड
सुपर टॉप-अप हेल्थ प्लान उन लोगों के लिए अतिरिक्त कवर होता है जिनके पास पहले से ही हेल्थ पॉलिसी है. यह काफी कम कीमत में मिल जाता है. चूंकि कम कीमत में इससे अतिरिक्त कवर मिल जाता है, इसीलिए जिस व्यक्ति के पास पहले से इंश्योरेंस कवर है उसके लिए ये सही विकल्प है.
को-पेमेंट क्लॉज
वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाजार में उपलब्ध लगभग सभी योजनाएं को-पेमेंट की शर्त के साथ आती हैं. इसलिए आप वहीं पॉलिसी चुनें जो आपको अन्य क्लेम पर कम भुगतान करने का ऑफर देती है. आप चाहें तो एक्सट्रा प्रीमियम देकर को-पेमेंट को माफ करने का विकल्प भी चुन सकते हैं.
क्लेम डिडक्सन
कुछ बीमा कंपनियां फाइनल क्लेम अमाउंट में डिडक्शन कर देती है, अगर आपने नॉन-नेटवर्क अस्पताल में इलाज कराया है. इसलिए बीमा के फीचर्स का ठीक से अध्ययन बहुत जरूरी है. इनमें देखें कि रूम रेंट, सर्जरी, एंबुलेंस सर्विस आदि में बीमा कंपनी ने कोई लिमिट तो नहीं तय किया हुआ है.