Insurance Policy Revaluation: महामारी के दौर में कई लोगों को सैलरी में कटौती और नौकरी से हाथ धोना पड़ा था. लोगों ने इस कठिन दौर में होम लोन की किश्तें, बच्चों की फीस और घर के खर्च भी जैसे-तैसे करके चलाए. इस दौर के चलते लोगों की जेब पर भारी दवाब आ गया. इस निरंतर वित्तीय अनिश्चितता के बीच, केवल अपनी सेविंग्स पर निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है. ऐसे हाल में परिवार को आर्थिक संकट से बचाने के लिए पैसों की बचत और पर्याप्त इंश्योरेंस पॉलिसी की जरूरत को लोगों ने समझा. महामारी के दौर में इंश्योरेंस की जरूरत को समझते हुए लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है. इसके साथ साथ आपको अपने इंश्योरेंस का Revaluation (पुनर्मूल्यांकन) करना भी जरूरी है.
हालिया सालों भारत में स्वास्थ्य देखभाल और इलाज की लागत आसमान छू रही है. खासकर कोरोना के दौर में कोविड इंफेक्शन होने पर ये खर्च काफी बढ़ गया है.
जैसे जैसे पूरी दुनिया में कोरोना का इंफेक्शन फैला वैसे वैसे लोगों में अपने हेल्थ इंश्योरेंस की दोबारा पुनर्मूल्यांकन की जरूरत महसूस होने लगी है.
किसी इंश्योरेंस प्लान का पुनर्मूल्यांकन करते समय सबसे महत्वपूर्ण बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वो है, उच्च इंश्योरेंस राशि. ये आपको भारी मेडिकल बिल से बचने में सक्षम बनाता है, जो भविष्य में वित्तीय कठिनाइयों का कारण बन सकते हैं.
इसके साथ ही, पॉलिसी चुनते समय वर्तमान के साथ साथ भविष्य में 20-30 साल बाद भी अस्पताल में भर्ती होने की औसत लागत को ध्यान में रखना चाहिए.
इसलिए, ज्यादा कवरेज के साथ एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में निवेश करने की सलाह दी जाती है क्योंकि आज बाजार में ऐसी कई पॉलिसी मौजूद हैं जो अत्यधिक सस्ती हैं.
1 करोड़ का हेल्थ इंश्योरेंस प्लान जो 10 लाख सम इंश्योर्ड प्लान के समान मूल्य पर उपलब्ध है, सबसे अच्छा विकल्प है जिसमें कोई भी निवेश कर सकता है.
इसके साथ ही, पर्याप्त से ज्यादा मेडिकल कवर हासिल करना हमेशा एक सुरक्षित शर्त है ताकि ये भविष्य में आने वाली किसी भी विपत्ति में आपकी मदद कर सके और आपकी बढ़ती उम्र में मददगार भी साबित हो.
इसके अलावा, अगर आप प्रीमियम का भुगतान आसान मासिक किश्तों में करना चाहते हैं तो ये भी विकल्प मौजूद है क्योंकि एकमुश्त राशि का भुगतान कठिन होता है.
एक करोड़ के सम इंश्योर्ड प्लान के लिए 30 साल की उम्र में व्यक्ति को तकरीबन 600 से 800 रुपए महीने चुकाने पड़ते हैं.
अपने लिए सबसे अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस चुनते वक्त आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. पहला है वेटिंग पीरियड, हमेशा एक ऐसी पॉलिसी को चुनना चाहिए जिसमें न्यूनतम पीरियड हो ताकि हेल्थ इमरजेंसी में लाभों का दावा करने में सक्षम हो सके,
इसके अलावा, आपको को-पेमेंट क्लॉज पर ध्यान देना चाहिए. इसलिए ऐसी पॉलिसी खरीदिए जिसमें कोई को-पेमेंट न हो क्योंकि इसके तहत आपको क्लेम के वक्त कुछ हिस्से का भुगतान करना पड़ेगा, जो मेडिकल इमरजेंसी के वक्त सबसे आखिर में सोची जाने वाली बात है.
टर्म इंश्योरेंस आपकी उस स्थिति में मदद करता है, जब किसी परिवार के कमाने वाले की COVID-19 संक्रमण या किसी अन्य कारण अप्रत्याशित रूप से मौत हो जाती है.
यह परिवार की भविष्य में बिना किसी बाधा के जीवन चलाने में मदद करता है और ताकि आपकी गैर-मौजूदगी में उनके जीवन के लक्ष्यों पर असर न पड़े.
आज के इस कठिन दौर में, एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी जो सात साल पहले ली गई थी, वो आज सही कवरेज देने में सक्षम नहीं है.
आज के महामारी के हालातों को देखते हुए आपकी फाइनेंशियल जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको अलग और विशिष्ट पॉलिसी चाहिए.
इसलिए, एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अब वक्त आ गया है कि आप अपनी वर्तमान पॉलिसी का पुनर्मूल्यांकन करें. इसके लिए कमाई, खर्च, भविष्य की अपेक्षित जिम्मेदारियों और पुनर्मूल्यांकन का सबसे महत्वपूर्ण कारण महंगाई होना चाहिए.
अपने लिए हेल्थ पॉलिसी के आवश्यक पुनर्मूल्यांकन के लिए, आपकी सालाना कमाई का 10 गुना सम एश्योर्ड होना बेहद जरूरी है. अगर आपकी सालाना कमाई 10 लाख रुपए है तो लाइफ कवर की वैल्यू कम से कम 1 करोड़ रुपए होनी चाहिए.
COVID-19 महामारी की शुरुआत में, रिपोर्टों ने संकेत दिया कि यह बीमारी ज्यादातर बड़े वयस्कों को प्रभावित कर रही थी, और युवाओं में बीमारी के हल्के मामले देखने को मिल रहे थे.
लेकिन दूसरी लहर में जब कोरोना ने भारत पर हमला किया तो डेटा में साफ हुआ कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों में युवा थे, जिनकी उम्र 25 से 40 साल के बीच थी.
अप्रैल में जारी आंकड़े के मुताबिक पहली लहर में 31 फीसदी युवा प्रभावित हुए जिनकी उम्र 30 साल से कम थे. लेकिन 2021 में ऐसे युवाओं की संख्या 32 फीसदी रही.
कम उम्र में लाइफ इश्योरेंस प्लान लेने से आपको काफी फायदे मिलते हैं. आपको कम प्रीमियम चुकाना पड़ता है
महामारी के चलते ज्यादातर कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे दी है. इसका मतलब कि लोग अपने घर में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं, कार की तुलना में. इसके चलते कार इंश्योरेंस के क्षेत्र में प्राकृतिक बदलाव आए हैं.
किसी 1200 सीसी की सेडान कार की पूरी कॉन्प्रेहेन्सिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी औसतन करीब 15 हजार से 18 हजार रुपए है. जो स्पष्ट रूप से आपको बेकार लग सकता है जब आपके वाहन केवल आवश्यक वस्तुओं को प्राप्त करते समय या किसी आपात स्थिति के मामले में उपयोग में लाए जाते हैं.
इस प्रकार, आपके लिए अपनी वर्तमान बीमा आवश्यकताओं का पुनर्मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण हो जाता है, ताकि आप किसी ऐसी चीज पर अपना पैसा खर्च न करें जिसकी आपको आवश्यकता भी न हो.
इसलिए अपनी वर्तमान जरूरत के हिसाब से इंश्योरेंस का पुनर्मूल्यांकन करें, ताकि आप अपना पैसा किसी ऐसी चीज पर न खर्च करें जिसकी आपको जरूरत भी न हो.
ऐसे में सिर्फ जरूरी फीचर पर भुगतान करना ही सही फैसला होता है. कंपनी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का कॉम्बिनेशन भी ऑफर करती है.
बीमा कंपनियां ज्यादा प्रीमियम पर बचत करने में मदद के लिए थर्ड पार्टी, फायर और थेफ्ट कार इंश्योरेंस का एक कॉम्बिनेशन प्लान लेकर आई है. ये प्लान ऐसा है जो किसी व्यक्ति को अचानक होने वाली दुर्घटना में मदद करता है.
खासकर चोरी और आग लगना आदि. घर में रहने का मतलब है कि कार से दुर्घटना की आंशका भी कम हो जाती है. इसलिए कार चोरी भारत में होने वाला सबसे आम अपराध है, जिसके मद्देनजर आप कार इंश्योरेंस प्लान कर सकते हैं.
इसलिए, थर्ड पार्टी, आग और चोरी से बचाव के लिए इंश्योरेंस चुनना एक विशेष रूप से समझदार विकल्प बन जाता है. क्योंकि आप इन सुविधाओं के लिए कम प्रीमियम का भुगतान कर रहे होंगे.