गलत जानकारी देकर बीमा नहीं बेच पाएंगे एजेंट, सरकार उठाएगी बड़ा कदम

विवादों से बचने के लिए विभाग चाहता है कि बीमा से जुड़ी सारे नियमों को अच्छी तरह से समझाया जाना चाहिए.

गलत जानकारी देकर बीमा नहीं बेच पाएंगे एजेंट, सरकार उठाएगी बड़ा कदम

Insurance pic: freepik

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Misselling of Insurance: बीमा की गलत बिक्री पर रोक लगाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा सकती है. सरकार जल्द ही बीमा बेचने के लिए एजेंट और ग्राहक के बीच की बात चीत का ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर सकती है. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बीमा की गलत बिक्री की हजारों शिकायतों का हवाला देते हुए इस बारे में वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है. विवादों से बचने के लिए विभाग चाहता है कि बीमा से जुड़ी सारे नियमों को अच्छी तरह से समझाया जाना चाहिए.

क्यों होती है मिस-सेलिंग?
पत्र में, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह का मानना है कि विवादों की मुख्य वजह अक्सर बीमा एजेंट और ग्राहक के बीच में ठीक से बातचीत न होने की वजह से होता है. उपभोक्ताओं की शिकायत होती है कि बीमा खरीदते समय उन्हें केवल पॉलिसी के सकारात्मक पहलुओं के बारे में बताया जाता है. हालांकि, इस मामले पर अंतिम निर्णय भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) पर निर्भर करता है.

क्षेत्रीय भाषा में हो दस्तावेज
सिंह ने यह भी बताया है कि बीमा पॉलिसियां ​​अक्सर अपने नियमों और शर्तों में अस्पष्ट भाषा का उपयोग करती हैं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए उन्हें समझना मुश्किल हो जाता है. इस समस्या को सुलझाने के लिए उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि ग्रामीण आबादी के लिए बीमा पॉलिसियों को क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जाना चाहिए.

स्पष्ट हो पॉलिसी की जानकारी
उनका मानना है कि पॉलिसी में स्पष्ट तरीके से बताया जाना चाहिए कि किन सेवाओं को पॉलिसी में शामिल किया और किन सेवाओं को पॉलिसी से बाहर रखा गया है. वर्तमान में, पॉलिसी से बाहर सेवाओं के बारे में बीमा होल्डर को सिर्फ तब सूचित किया जाता है जो दावों के लिए आवेदन करते हैं.

कम हो अस्पताल में रुकने का समय
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रता साही ने भी हेल्थ इश्योरेंस में बदलाव का सुझाव दिया है. वह उस खंड की फिर से जांच करने और उसमें बदलाव करने का सुझाव देते हैं जिसमें पॉलिसीधारक को सर्जरी या इलाज के लिए कम से कम 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहने की जरूरत होती है. उनके मुताबिक हॉस्पिटल में रुकने के समय को कम किया जा सकता है.

Published - January 3, 2024, 05:45 IST