Insurance Industry: इंश्योरेंस इंडस्ट्री के लिए पिछला महीना कुछ खास नहीं रहा. साल-दर-साल आधार पर जुलाई 2021 में न्यू बिजनेस प्रीमियम (NBP) में 11% की गिरावट देखी गई है. इससे पहले जून में न्यू बिजनेस प्रीमियम में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली थी. वहीं, मई में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते इसमें गिरावट आई थी. जुलाई में, कुल 24 जीवन बीमा कंपनियों ने 20,434.72 करोड़ रुपये का एनबीपी अर्जित किया, जो पिछले साल की तुलना में 11.10 प्रतिशत कम है. इसकी सबसे बड़ी वजह इस सेक्टर की दिग्गज कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के एनबीपी में आई गिरावट है.
जहां प्राइवेट कंपनियों ने जुलाई महीने में 8,403.79 करोड़ रुपये का एनबीपी अर्जित कर पिछले साल की तुलना में 7.53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, तो वहीं LIC ने 21 प्रतिशत की गिरावट के साथ केवल 12,030.93 करोड़ रुपये एनबीपी अर्जित किया.
महीने-दर-महीने आधार पर एलआईसी का एनबीपी 44.8 फीसदी कम हुआ है. जबकि प्राइवेट कंपनियों का एनबीपी महीने-दर-महीने आधार पर 2.31% बढ़ा है.
जून महीने में, LIC का एनबीपी 21,796.28 करोड़ रुपये रहा था. साल-दर-साल के आधार पर ये 4.13 प्रतिशत कम है.
महामारी से पहले (जुलाई 2019) से तुलना करे तो इंश्योरेंस इंडस्ट्री में 5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. जहां LIC की एनबीपी में 21.42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, तो वहीं प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों ने 35 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की.
प्राइवेट सेक्टर की बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों में एसबीआई लाइफ ने जुलाई में एनबीपी में 5.67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, एचडीएफसी लाइफ ने एनबीपी में मामूली 4 प्रतिशत की वृद्धि देखी.
दूसरी ओर, ICICI लाइफ ने एनबीपी में 36.31 फीसदी की छलांग लगाई. जुलाई में साल-दर-साल आधार पर मैक्स लाइफ का एनबीपी 22.14 फीसदी बढ़ा था.
इंश्योरेंस कंपनियों ने कोरोना की दूसरी लहर के कारण Q1FY22 में डेथ क्लेम में वृद्धि देखी है, जिसकी वजह से कंपनियों के प्रॉफिट बहुत ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
हालांकि पहली तिमाही के बाद क्लेम का बोझ कुछ हद तक कम हुआ है. तीसरी लहर की आशंका से इंश्योरेंस इंडस्ट्री तनाव में है.