कोरोना मरीजों को एक घंटे के अंदर मिलेगा इंश्योरेंस का क्लेम, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिया निर्देश

Insurance Claim: इंश्योरेंस कंपनी या TPAs ने इंश्योरेंस क्लेम को प्रोसेस करने में 6-7 घंटे का समय लगाया तो उनपर अवमानना के तहत एक्शन होगा

drug, covid-19, covid drug, remdesivir, gujarat government, notice

Insurance Claim: कोरोना के इलाज में हुए खर्च के इंश्योरेंस क्लेम के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. दिल्ली उच्च न्यायलय ने कहा है कि इंश्योरेंस कंपनियां कोरोना (COVID-19) मरीजों के अस्पताल के खर्च का बिल का क्लेम मंजूर करने में 6-7 घंटों का वक्त नहीं लगा सकती. इससे मरीजों को डिसचार्ज करने में ज्यादा समय लग रहा है और नए संक्रमितों के लिए बेड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इंश्योरेंस कंपनियों को 30 मिनट से 60 मिनट के अंदर क्लेम पर फैसले की जानकारी देने के लिए कहा गया है.

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि अगर कोर्ट को किसी ऐसे मामले के बारे में पता चलता है जहां इंश्योरेंस कंपनी या थर्ड पार्टी ने इंश्योरेंस क्लेम को प्रोसेस करने में 6-7 घंटे का समय लगाया तो उनपर अवमानना के तहत एक्शन लिया जाएगा.

जस्टिस सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि इंश्योरेंस कंपनियां  अस्पताल से रिक्वेस्ट आने के बाद क्लेम ग्रांट (Insurance Claim) करने में 30 से 60 मिनट से ज्यादा का समय नहीं लगा सकतीं. उन्होंने इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI को भी इसपर निर्देश जारी करने के लिए कहा है.

दिल्ली उच्च न्यायलय के एक और पीठ ने इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) में लगने वाले समय को घटाने के लिए निर्देश दिए हैं. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली ने इंश्योरेंस कंपनियों और थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर्स को अस्पताल के बिलों को जल्दी से मंजूरी दी जाए ताकि बाहर इंतजार कर रहे मरीजों को जल्द बेड मिल सकें.

दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ ऑक्सीजन, दवाओं, बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता को लेकर सुनवाई कर रही थी.

जस्टिस सिंह ने अस्पतालों को भी निर्देश दिया है कि वे नए मरीजों के डिस्चार्ज की प्रक्रिया भी साथ में शुरू कर दें ताकि कोई बेड खाली ना रहे.

अब तक क्या हैं नियम?

पिछले साल IRDAI ने एक सर्कुलर जारी किया था कि इंश्योरेंस कंपनियों को कैशलेस ट्रीटमेंट में दो घंटे के अंदर अस्पताल को क्लेम मंजूरी की जानकारी देनी होगी.

हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) पर जल्द से जल्द रिस्पॉन्स के लिए इंश्योरेंस कंपनियों को IRDAI से कहा था कि कैशलेस ट्रीटमेंट की मंजूरी पर फैसला अस्पताल से रसीद मिलने के 2 घंटे के अंदर किया जाएगा और इसी दौरान अस्पताल को ये जानकारी बतानी भी होगी.  डिस्चार्ज पर अंतिम फैसले की जानकारी नेटवर्क प्रोवाइडर को 2 घंटे के अंदर देनी होगी

इसी महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी IRDAI को कोरोना मामलों में इंश्योरेंस क्लेम को प्राथमिकता देने की बात कही थी.

Published - April 29, 2021, 01:33 IST