अपनी जिंदगी के पड़ाव के हिसाब से हमें लाइफ इंश्योरेंस लेने चाहिए. उदाहरण के लिए, जब आप युवा होते हैं और आपने अपना करियर शुरू किया है, तब की तुलना में जब आप शादीशुदा होते हैं और बच्चे होते हैं तो बीमा कवर की आवश्यकता बहुत अलग हो जाती हैं. इसी तरह रिटायर लोगों के लिए इंश्योरेंस की जरूरतें अलग होंगी. मार्केट में ऐसे कई इंश्योरेंस कवर हैं, जो हर रिटायर व्यक्ति को शांति के साथ अपने आखिरी दिनों को गुजारने में मदद करते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस: सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति के पास स्वास्थ्य बीमा होना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि जब आप युवा और स्वस्थ होते हैं, उस समय की तुलना में बुढ़ापे में बीमार होने की आशंका ज्यादा होती है.
कवरेज में पर्याप्त मात्रा में इंश्योरेंस अमाउंट होना महत्वपूर्ण है ताकि मेडिकल इमरजेंसी में आपकी समस्या का समाधान हो सके. इसलिए जब आप युवा होते हैं तब आपको पॉलिसी खरीदने की सलाह दी जाती है, जब प्रीमियम दरें कम होती हैं और पॉलिसी खरीदना आसान भी होता है. कोई व्यक्ति रिटायरमेंट के समय ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदों को आगे बढ़ाने वाली निजी पॉलिसी में पोर्ट करने पर भी विचार कर सकता है.
होम इंश्योरेंस: घर किसी भी व्यक्ति के लिए वैल्यू वाली संपत्ति में से एक होती है. इसलिए होम इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की सलाह दी जाती है ताकि आपके घर की स्ट्रक्चर और उसमें रखे सामान की किसी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं में सुरक्षा मिल सके. इसलिए हमें ध्यान रखने की जरूरत है कि होम लोन इंश्योरेंस केवल घर के निर्माण के लिए हमें कवर देता है और इसमें इंश्योरेंस की राशि के कैलकुलेशन में जमीन का मूल्य शामिल नहीं होता है.
मोटर इंश्योरेंस: यहां तक कि अगर आप लंबी दूरी की यात्राएं नहीं करने जा रहे हैं तो भी मोटर बीमा पॉलिसी खरीदने की सलाह दी जाती है. कॉन्प्रेहेन्सिव इंश्योरेंस पॉलिसी अपनी कार और थर्ड पार्टी दोनों को होने वाले नुकसान को कवर करती है. जबकि भारत में थर्ड-पार्टी कवर अनिवार्य है, कॉन्प्रेहेन्सिव कवर स्वैच्छिक है.
लाइफ इंश्योरेंस: लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का उद्देश्य इंश्योर्ड व्यक्ति की मौत के केस में परिवार को फाइनेंशियल मदद देना है. रिटायरमेंट के बाद, परिवार के आश्रित आमतौर पर आत्मनिर्भर हो जाते हैं और उन्हें और मदद की आवश्यकता नहीं होती है. उन हालातों में, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन अगर आपके पति या पत्नी और बच्चे आपके रिटायरमेंट के बाद भी निर्भर हैं, खासकर बच्चों के मामले में. तो यह आपकी टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को जारी रखने के लिए समझ में आता है ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें आवश्यक फाइनेंशियल सपोर्ट मिल सके.