Health insurance कंपनी से नहीं हैं खुश तो पोर्ट करा सकते हैं पॉलिसी, ये है तरीका

अगर आपकी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आपको बेहतर सर्विस नहीं दे रही है तो आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को दूसरी कंपनी में पोर्ट करा सकते हैं.

INSURANCE, FIVE MISTAKES, HEALTH INSURANCE, COMPARISON BETWEEN POLICIES, CLAIM, MEDICAL COVERAGE, बेहतर ऑफर हासिल करने के लिए अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की तरफ से दिए जाने वाले ऑफरों की तुलना जरूर करनी चाहिए.

पिछले कुछ सालों में भारतीय हेल्थ को लेकर काफी जागरूक हुए हैं. यही एक कारण है कि लोग अब तेजी से हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) करा रहे हैं. वहीं कोरोना के आने के बाद से लोगों के बीच हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) की डिमांड और बढ़ गई है. दरअसल इलाज की बढ़ती कीमतों से आम आदमी काफी परेशान है. ऐसे में वह हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) के जरिए अपने परिवार को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. इंश्योरेंस लेने वाले कई लोगों की शिकायत होती है कि उन्हें उनकी कंपनी बेहतर सर्विस नहीं दे रही है. लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि वह अपनी हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) पॉलिसी को दूसरी कंपनी में पोर्ट करा सकते हैं. जानिए पॉलिसी पोर्ट कराने के क्या हैं तरीके.

क्या है इंश्योरेंस पोर्ट

अगर आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) कंपनी की सर्विस से खुश नहीं हैं, तो आपके पास पॉलिसी पोर्ट करने का ऑप्शन होता है यानी आप अपनी मौजूदा पॉलिसी को किसी दूसरी कंपनी में ट्रांसफर करा सकते हैं. इस पूरी प्रोसेस को पॉलिसी पोर्टिंग कहते हैं.

कैसे कर सकते हैं अपनी हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) पॉलिसी को पोर्ट

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को दूसरी कंपनी में पोर्ट करने के लिए सबसे जरूरी है कि आपकी मौजूदा पॉलिसी चालू हालत में हो. वहीं पॉलिसी एक्सपायर होने से कम से कम 45 दिन पहले पॉलिसी को पोर्ट करने की प्रोसेस करानी होगी. इसके बाद आपको नई पॉलिसी का प्रपोजल फॉर्म और पुरानी पॉलिसी का पोर्टेबिलिटी फॉर्म भरना होगा. इस फॉर्म में आपको अपनी पुरानी हेल्थ पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी भरनी होगी. वहीं इंश्योरेंस कंपनी की ओर से मांगे जाने वाले डॉक्यूमेंट साथ में लगाने होंगे. आपने पॉलिसी पोर्ट करने तक पॉलिसी पर कोई क्लेम नहीं किया है, तो आप नो क्लेम बोनस (NCB) के लिए भी डिक्लेरेशन फॉर्म लगा सकते हैं. वहीं पॉलिसी पर कोई इलाज कराया है तो उसकी पूरी जानकारी भी फॉर्म में भरने के साथ डॉक्यूमेंट लगाने होंगे. डॉक्यूमेंटेशन पूरा होने के साथ पोर्ट कराने वाला फॉर्म जमा करना होगा. नई कंपनी अपनी जांच पूरी करने और संतुष्ठ होने के बाद आपको नई कस्टमर पॉलिसी दे देगी.

Published - July 26, 2021, 06:50 IST