Maternity Insurance: सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं मातृत्व खर्च को कवर नहीं करती हैं. दरअसल, मार्केट में कुछ ही कंपनी ऐसी हैं, जिनके पास यह इन-बिल्ट फीचर के रूप में है. इसे आमतौर पर एक ऐसे खर्च के रूप में देखा जाता है जो भविष्य में होना तय है. इसी वजह से कई बीमाकर्ता अपनी पॉलिसियों में मातृत्व लागत को कवर नहीं करते हैं और अगर वे करते भी हैं तो उनकी प्रीमियम दरें बहुत अधिक होती हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जो शादी या फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं. यह प्लान सुनिश्चित करता है कि उनकी मातृत्व यात्रा अच्छी और आर्थिक रूप से बोझ मुक्त रहेगी.
पॉलिसी एक्स के संस्थापक और सीईओ नवल गोयल ने कहते हैं, ‘बाजार में कई उत्कृष्ट योजनाएं मौजूद हैं जिन्हें प्रमुख लाभों में से एक के रूप में मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है. ये योजनाएं प्रसव और अन्य चिकित्सा खर्चों जैसे नर्सिंग, कमरे के शुल्क एनेस्थेटिस्ट शुल्क और सर्जन शुल्क के लिए कवरेज देती हैं. इसके अलावा जरूरत के अनुसार मातृत्व लाभ में गर्भावस्था में जटिलताओं या चिकित्सकीय रूप से आवश्यक समाप्ति के लिए किए गए उपचार को शामिल किया गया है.
– मैटरनिटी इंश्योरेंस कवर में डिलीवरी चार्ज (सामान्य और सिजेरियन दोनों), रूम चार्ज, नर्सिंग, डॉक्टर कंसल्टेशन, सर्जन फीस आदि शामिल हो.
-मैटरनिटी प्लान न केवल डिलीवरी चार्ज को कवर करता है, बल्कि किसी भी मेडिकल जटिलता के मामले में जन्म की तारीख से 90 दिनों तक नवजात शिशु को भी कवर करता है.
– इन योजनाओं में आमतौर पर दी जाने वाली बीमा राशि पर एक सीमा होती है. पॉलिसी खरीदने से पहले अवश्य जांच लें कि दावे के मामले में बीमाकर्ता कंपनी कितनी अधिकतम राशि का भुगतान करेगी.
-मैटरनिटी प्लान प्रतीक्षा अवधि के साथ आते हैं, जो 9 महीने से लेकर चार साल तक कहीं भी हो सकते हैं। एक नवविवाहित जोड़े या जो फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं उनके लिए प्रतीक्षा अवधि सही है.
-इसके अलावा यह बात जानना बेहद जरूरी है कि मातृत्व बीमा महिला व्यक्तिगत योजनाओं में शामिल है जबकि पुरुष व्यक्तिगत योजनाओं में इसकी पेशकश नहीं की जाती है.
– मातृत्व बीमा पॉलिसी में दावा दायर किए जाने की निश्चितता के चलते इसके प्रीमियम एनी स्वास्थ्य योजना की तुलना में ज्यादा होते हैं.
– मालूम हो कि जैसे-जैसे कोई बूढ़ा होता है, प्रीमियम की लागत बढ़ती जाती है. इसलिए ऐसी पॉलिसी लेने से पहले लागत-लाभ विश्लेषण जरूर कर लें.