आप अगर नौकरीपेशा कर्मचारी हैं, तो कंपनी यानी एंप्लॉयर की तरफ से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान मिला होगा. एंप्लॉयर, इंश्योरेंस कंपनियों से ग्रुप पॉलिसी लेते हैं और कर्मचारियों को हेल्थ कवरेज मुहैया कराते हैं. कुछ कंपनियां कर्मचारियों के परिवार को भी हेल्थ कवरेज देती हैं.
ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी का पार्ट होने के कई फायदे हैं, लेकिन साथ ही एक निजी हेल्थ पॉलिसी भी जीवन में होना जरूरी है. अगर आप किसी वजह से नौकरी छोड़ने का विचार कर रहे हैं, तो आपको कंपनी से मिलने वाली ग्रुप इंश्योरेंस की सुविधा भी कम हो जाएगी. तो आप ऐसा करने से पहले अपनी ग्रुप पॉलिसी को निजी पॉलिसी में बदलवा सकते हैं.
पॉलिसीX.कॉम के फाउंडर सीईओ नवल गोयल कहते हैं, ‘IRDAI के मुताबिक, व्यक्ति बीमा कंपनी की अनिवार्य कुछ आवश्यकताओं को पूरा करके ग्रुप पॉलिसी को निजी पॉलिसी में बदल सकता है. इसमें उपयुक्त पॉलिसी का चयन, समय पर जमा करना और प्रीमियम के भुगतान के साथ जरूरी डॉक्यूमेंट्स दाखिल करना शामिल है.’
हालांकि, इसके लिए आप किसी भी इंश्योरेंस कंपनी को अप्रोच नहीं कर सकते हैं. यह केवल पॉलिसी होल्डर हो सकता है, जिसने एंप्लॉयर को ग्रुप पॉलिसी का कवर दिया हो. यदि आप किसी अन्य इंश्योरेंस कंपनी में बदलना चाहते हैं, तो आप एक साल की अवधि पूरी करने के बाद पॉलिसी को पोर्ट कर सकते हैं.
गोयल ने बताया कि सभी व्यक्ति इस सुविधा को नहीं ले सकते हैं. यह पूरी प्रक्रिया बीमा कंपनी के विवेक पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा, ‘योग्यता को लेकर इन पर कोई विशेष दिशानिर्देश नहीं हैं, लेकिन पॉलिसी बदलना पूरी तरह से इंश्योरेंस कंपनी के अंडरराइटिंग मानदंडों और निजी आधार पर मूल्यांकन पर निर्भर करता है.’
जहां तक प्रीमियम का संबंध है, आपको ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी में जितना भुगतान किया जाता है, उसकी तुलना में आपको अधिक प्रीमियम देना होगा.
गोयल ने बताया, ‘ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम, निजी पॉलिसी की तुलना में कम होता है. इसलिए कि ये किफायती प्रीमियम कवरेज पूरे ग्रुप के बीच साझा किया जाता है.’
गोयल ने साथ ही ये भी जोड़ा कि निजी पॉलिसी कराने के लिए एक और बड़ा चैलेंज सामने आता है. वह है मेडिकल चेकअप. कुछ कंपनियों में पुरानी पॉलिसी को स्विच कर के नई पॉलिसी खरीदने से पहले मेडिकल चेकअप होना जरूरी होता है.
ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसियां में आम तौर पर वेटिंग पीरियड के बिना इंश्योरेंस कवर देती हैं. हालांकि, स्पेशल केस में पहले से मौजूद बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड है. तो इसे निजी पॉलिसी में स्विच करने के दौरान आगे बढ़ाया जा सकता है.
अगर आप ग्रुप पॉलिसी को निजी पॉलिसी में बदलने के लिए तैयार हैं, तो आपको ग्रुप पॉलिसी की एक्सपायरी डेट से कम से कम 45 दिन पहले बताना होगा.