हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ में मंडी के राहुल सूद का घर उनकी आंखों के सामने भरभरा कर बह गया. राहुल की जीवन भर की कमाई एक झटके में डूब गई. गनीमत ये है कि उन्होंने इस मकान का 50 लाख रुपए का बीमा कवर ले रखा है. लेकिन उनकी चिंता ये है कि बाढ़ में उनके मकान और बीमा से जुड़े सभी कागजात बह गए… उन्हें बीमा का कवर कैसे मिलेगा…
क्या करें राहुल?
प्राकृतिक आपदा के बाद घर का बीमा क्लेम ले पाना बड़ी चुनौती है. राहुल की तरह तमाम लोगों के बीमा, मकान की रजिस्ट्री, आधार और पैन जैसे जरूरी दस्तावेज नष्ट हो जाते हैं. Promore Fintech के इंश्योरेंस एक्सपर्ट ज्याउद्दीन सईद कहते हैं कि प्राकृतिक आपदा से नुकसान का क्लेम करने से पहले पुलिस में एफआईआर दर्ज कराएं. इसके बाद घटना की सूचना बीमा कंपनी को दें.
आजकल अधिकतर लोग अपने पैन, आधार आदि की कॉपी अपने ईमेल या डिजिलॉकर में रखते हैं. राहुल को अपनी पहचान से जुड़े आधार कार्ड, पैन व बिजली बिल की कॉपी ले लेनी चाहिए. इसके आधार पर उन्हें जिला प्रशासन से आवास प्रमाण पत्र मिल जाएगा.
कैसे करें क्लेम?
जरूरी कागज जुटाने के बाद राहुल को बीमा कंपनी के ऑफिस में जाकर क्लेम का आवेदन करना होगा. बीमा कंपनी के अधिकारी बीमा प्रीमियम की ट्रांजेक्शन, पैन, आधार और मोबाइल नंबर के जरिए डुप्लीकेट पॉलिसी मुहैया करा देंगे. इस तरह क्लेम की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
नुकसान का आकलन
राहुल के आवेदन के आधार पर बीमा कंपनी का सर्वेयर मौके का मुआयना करेगा. मकान को कैसे और कितना नुकसान हुआ है, सर्वेयर इसका मूल्यांकन करेगा. ध्यान रखें, प्राकृतिक आपदा बीमा से जुड़ी पॉलिसी में मकान को प्राकृतिक आपदा से ही नुकसान होने पर क्लेम मिलेगा. राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से प्राकृतिक आपदा की पुष्टि की जाती है. हालांकि राहुल के साथ इस मामले में दिक्कत नहीं आएगी. हिमाचल सरकार ने बाढ़ को प्राकृतिक आपदा घोषित करके राहत देने का ऐलान किया है. अगर सरकारी स्तर पर प्राकृतिक आपदा की पुष्टि नहीं की जाती है तो बीमा कंपनी क्लेम को खारिज कर सकती है.
क्लेम लेते समय किन बातों का रखें ध्यान
इंश्योरेंस एक्सपर्ट ज्याउद्दीन सईद कहते हैं कि प्राकृतिक आपदा में मकान या दुकान के लिए हुई क्षति का क्लेम लेने से पहले नुकसान का आकलन करें. किस–किस चीज का कितना नुकसान हुआ है, इसकी एक पूरी लिस्ट बनाएं. सूची में शामिल सामान की खरीद से जुड़े बिल मिल जाएं तो क्लेम लेने में आसानी होगी. आजकल काफी लोग ई कॉमर्स साइट से सामान खऱीदते हैं. अगर मेल पर बिल या ट्रांजेक्शन की रसीद मिल जाएं तो ये मददगार साबित होंगी. एक और खास बात का ध्यान रखें कि क्लेम की शुरुआत से बाद तक एक ही बात पर कामय रहें. नुकसान के बारे में बार–बार बयान बदलने पर आपका क्लेम खारिज हो सकता है.
मनी9 की सलाह
जलवायु परिवर्तन की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम बढ़ रहा है. ऐसे में कार व बाइक की तरह मकान और दुकान का भी बीमा जरूरी हो गया है. हालांकि वाहनों की तरह प्रॉपर्टी का बीमा अनिवार्य नहीं है. लेकिन राहुल जैसे हालात से बचने के लिए प्राकृतिक आपदाओं के जोखिमों से सुरक्षा के लिए घर के लिए बीमा कवर लेना जरूरी है.