30 की उम्र में कितना हो हेल्‍थ कवर?

अगर आप जल्दी हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेते हैं तो कम प्रीमियम में बेहतर कवरेज मिलेगा

30 की उम्र में कितना हो हेल्‍थ कवर?

स्वास्थ्य संबंधी समस्या कभी भी और किसी को भी हो सकती है, इसके लिए ढलती उम्र का होना जरूरी नहीं है. खासतौर पर आधुनिक जीवनशैली के चलते 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों को भी इलाज की जरूरत पड़ सकती है. जिसकी वजह से बचत में बड़ा नुकसान हो सकता है. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य बीमा काफी काम आता है. अगर आप जल्दी हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेते हैं तो आपको कम प्रीमियम के साथ बेहतर कवरेज भी मिलेगा, लेकिन सवाल आता है कि आखिर हेल्‍थ बीमा कितने का लेना चाहिए और इसे चुनते समय किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए.

आय का 2 से 3 गुना रखें बीमा राशि
जानकारों का कहना है कि हेल्‍थ बीमा कितने की लें इसके लिए अपनी जीवनशैली, आय, परिवार में सदस्‍यों की संख्‍या, शहर और मेडिकल हिस्‍ट्री जैसे विभिन्न कारकों को देखें. भविष्य में आपको होने वाली संभावित स्वास्थ्य देखभाल लागतों पर विचार करें. इंश्‍योरेंस लेते समय यह देखे लें कि बीमा राशि संभावित चिकित्सा बिलों को कवर करने के लिए पर्याप्त है या नहीं. आमतौर पर बीमा लेने वाले को अपनी वार्षिक आय का कम से कम 2 से 3 गुना बीमा राशि लेने की सलाह दी जाती है.

महानगरों में रहने वाले ऐसे चुनें बीमा राशि
जानकारों के अनुसार दिल्ली या मुंबई जैसे महानगरों में रहने वाले लोगों के लिए प्रति सदस्य 10 लाख रुपए की बीमा राशि का इंश्‍योरेंस लेना चाहिए. हालांकि, एक बच्चे वाले दो वयस्कों के परिवार के लिए, पॉलिसीधारक को 30 लाख रुपए के कवरेज का विकल्प चुनना चाहिए. जो लोग 30 की उम्र में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदते हैं उससे आपको कई फायदे होंगे. पहला यह कि बीमा किफायती मूल्य पर मिलेगा. साथ ही दूसरा फायदा यह कि आप ऐसे उपभोक्‍ता श्रेणी में आएंगे जिन्‍हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होने का जोखिम कम होगा. इसलिए आपको उच्च कवरेज प्राप्त करने का लाभ मिलता है.

पर्याप्‍त कवरेज वाले बीमा का करें चुनाव
आपको व्यापक कवरेज की तलाश करनी चाहिए जिसमें अस्पताल में भर्ती होने के खर्च, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की लागत, डेकेयर प्रक्रियाएं, एम्बुलेंस शुल्क आदि का कवरेज मिल सके. इसके अलावा आपको अन्‍य मेडिकल इमरजेंसी में मदद मिल सके, ऐसे प्‍लान को शामिल करें. साथ ही कोशिश करें कि प्‍लान ऐसा चुनें जिसमें को-पेमेंट न हो. यानी इसमें आपको कुछ शुल्‍क बाद में अदा न करना पड़ें.

अस्‍पतालों का ज्‍यादा हो नेटवर्क
जिस इंश्‍योरेंस कंपनी के पास अच्छी संख्या में नेटवर्क अस्पताल हो ऐसे बीमा का चुनाव करना चाहिए. इससे आप कैशलेस तरीके से बेहतर इलाज करा सकेंगे. नेटवर्क अस्पतालों की संख्या जितनी अधिक होगी, पॉलिसीधारक के रूप में यह आपके लिए उतना ही फायदेमंद होगा.

वेटिंग पीरियड की कर लें जानकारी
वेटिंग पीरियड यानी प्रतीक्षा अवधि वह समय है जिसके लिए आपको अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर दावा दायर करने से पहले इंतजार करना पड़ता है. कुछ पॉलिसियों में वेटिंग पीरियड ज्‍यादा होता है, जिससे तुरंत आपको कवरेज नहीं मिल पाएगा. इसलिए, स्वास्थ्य बीमा योजना खरीदते समय, आपको प्रतीक्षा अवधि की जांच करनी चाहिए. इसके लिए अलग-अलग कंपनियों के हेल्‍थ बीमा की तुलना करें.

कवरेज चुनने की छूट
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा आपको ऐसे कवरेज विकल्प और ऐड-ऑन चुनने की अनुमति देता है जो आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार होता है. इसमें आप कटौती योग्य राशि चुनने, पहले से मौजूद स्थितियों के लिए कवरेज, मैटरनिटी लाभ और अन्य विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए अपनी मर्जी से कवरेज चुनने की छूट मिलती है.

क्‍लेम सेटलमेंट रेशियो करें चेक
हेल्‍थ बीमा लेते समय कंपनी का क्‍लेम सेटलमेंट रेशियो जरूर देंखें. ये स्वास्थ्य बीमा दावों को निपटाने में बीमाकर्ता की दक्षता को दिखाता है. आपको ऐसी कंपनी चुननी चाहिए जिसका दावा निपटान रेशियो ज्‍यादा हो. इससे आपको क्‍लेम लेने में आसानी होगी.

क्रिटिकल इलनेस राइडर भी है जरूरी
जब आपके पास व्यापक चिकित्सा बीमा हो, तो आप एक क्रिटिकल इलनेस राइडर ले सकते हैं. ये गंभीर बीमारियों को कवर करता है. अगर आपके पारिवारिक इतिहास में कोई गंभीर बीमारी है या आपकी नौकरी उच्च जोखिम वाली है तब भी आपको ये विकल्‍प चुनना चाहिए.

बेहतर हो ग्राहक सेवा
बीमाकर्ता के पास आपके सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए अच्छी ग्राहक सेवा होनी चाहिए. जिससे आपको जब भी जरूरत हो या कोई शंका हो तो आप आसानी से अपने बीमा कंपनी से संपर्क कर सके. इसलिए आपको बीमा खरीदने समय इंश्‍योरेंस कंपनी के ग्राहक सेवा नंबर पर कॉल करके या ऑनलाइन रिव्‍यू पढ़कर उसकी समीक्षा करनी चाहिए.

Published - August 2, 2023, 03:26 IST