High Sum Assured Plan: महामारी ने लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व समझाया, पूरी दुनिया ने धीरे-धीरे स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है, जिसके चलते लोगों ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए साइन अप करना शुरू कर दिया. साथ ही, जिस दर से मेडिकल कॉस्ट बढ़ रही है, उसके लिए पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस होना आर्थिक रूप से सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है क्योंकि कोरोना वायरस या किसी अन्य बीमारी के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की कॉस्ट आपकी सेविंग को एक बड़ा झटका दे सकती है.
मेडिकल इन्फ्लेशन 50% से अधिक की दर से बढ़ रहा है यानी 2017-18 में 4.39 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 7.14 प्रतिशत हो गया, लोगों को धीरे-धीरे ये बात समझ आ रही है कि 5-10 लाख रुपये का हेल्थ कवर पर्याप्त नहीं है.
वो अब अपने कवर को बढ़ा रहे हैं और हाई सम-इंश्योर्ड पॉलिसियों में पोर्ट कर रहे हैं. ट्रेंड से पता चलता है कि ज्यादातर लोग अपने मौजूदा प्लान को 1 करोड़ सम इंश्योर्ड हेल्थ इंश्योरेंस वाले प्लान में पोर्ट कर रहे हैं.
जिससे, केवल 20% अधिक भुगतान करने पर आपको एडीशनल बेनिफिट और फीचर्स के साथ-साथ अपने रेगुलर प्लान की तुलना में 10 गुना अधिक कवरेज मिलता है.
एक मेट्रो शहर में रहने वाले 32 साल के आदमी के लिए 1 करोड़ रुपये के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के मंथली प्रीमियम की कॉस्ट 600-800 रुपये है, जबकि प्लान में जीवनसाथी को जोड़ने से मंथली प्रीमियम 1,100 रुपये से 1,300 रुपये हो जाता है.
महामारी के चलते ज्यादा से ज्यादा कस्टमर हाई सम इंश्योर्ड हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं, अब इन प्लान पर EMI ऑप्शन भी अवेलेबल है.
इंस्टॉलमेंट में प्रीमियम का भुगतान करने की फ्लेक्सिबिलिटी की वजह से ये अब कस्टमर्स के लिए ज्यादा एक्सेसेबल और अफोर्डेबल है.
इंस्टॉलमेंट में हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम का भुगतान करने की अवेलेबिलिटी के साथ, आप हर महीने अपनी इनकम से एक फिक्स्ड अमाउंट इसके लिए डेडिकेट कर सकते हैं. ऐसे में आपको अपने खर्चे को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है.
हेल्थ इंश्योरेंस आमतौर पर पहले से मौजूद बीमारियों के लिए 4 साल तक के वेटिंग पीरियड के साथ आता है. इसका मतलब यह है कि डिक्लेयर बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, हाइपरटेंशन के लिए किसी भी अस्पताल में भर्ती खर्च का क्लेम 4 सालों के बाद ही किया जा सकता है.
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने वाले लोगों के लिए ये लंबा वेटिंग पीरियड उनके लिए काफी मुश्किलें पैदा करता है. हालांकि, मार्केट में कुछ हाई सम इंश्योर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के आने से अब पहले दिन से ही अपना इंश्योरेंस कवरेज पाना मुमकिन हो गया है.
आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस, स्टार हेल्थ और HDFC एर्गो जैसी कई इंश्योरेंस कंपनियों के कुछ प्लान हैं जो पहले दिन के कवरेज के साथ आते हैं. आदित्य बिड़ला एक्टिव हेल्थ प्लैटिनम एन्हांस्ड – डायबिटीज, आदित्य बिड़ला एक्टिव हेल्थ एसेंशियल – डायबिटीज, स्टार हेल्थ डायबिटीज सेफ प्लान ए, स्टार कार्डियक केयर-गोल्ड और HDFC एर्गो हेल्थ एनर्जी गोल्ड कुछ ऐसे प्लान हैं.
एक और वजह है कि लोग अपनी पॉलिसियों को हाई सम इंश्योर्ड प्लान में पोर्ट कर रहे हैं, और वो वजह है क्रिटिकल इलनेस की महंगी कॉस्ट जैसे कैंसर, किडनी फेल, बाईपास सर्जरी, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों पर होने वाला खर्च.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के अनुसार, भारत में कैंसर के मामलों की संख्या 2020 में 1.39 मिलियन से बढ़कर 2025 तक 1.5 मिलियन हो सकती है.
इतना ही नहीं, देश में हार्ट डिजीज के मामले भी बढ़ रहे हैं पिछले तीन दशकों में इनमें 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. इसके साथ, पिछले एक दशक में शहर में रहने वाले लोगों के लिए हॉस्पिटलाइजेशन कॉस्ट में लगभग 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
एक मध्यम वर्ग के व्यक्ति के लिए इस तेजी से महंगी होती मेडिकल फेसेलिटीज का खर्च उठाना मुश्किल है. इन चिंताओं को दूर करने के लिए हाई-सम इंश्योर्ड हेल्थ प्लान हैं जो आपको आर्थिक रूप से सुरक्षित रखकर इन क्रिटिकल इलनेस को कवर करते हैं.
इस फीचर में पॉलिसी होल्डर को अस्पताल में भर्ती बिलों को भुगतान करने की जरूरत नहीं है, रूम रेंट की कोई लिमिट नहीं है तो आप कोई भी कैटेगरी चुन सकते हैं.
कई पॉलिसी होल्डर के लिए हॉस्पिटलाइजेशन के वक्त खुद के लिए एक स्पेसिफिक अमाउंट का पेमेंट करना आसान नहीं है. ऐसे में जीरो को-पे पॉलिसी राहत देती है.
ज्यादातर रेगुलर प्लान में ये फीचर्स अवेलेबल नहीं होते हैं, यही वजह है कि लोगों का झुकाव हाई सम-इंश्योर्ड पॉलिसियों को खरीदने की ओर ज्यादा होता है.
कोविड के चलते आज भारत का मध्यवर्गीय अपने पूरे परिवार की सुरक्षा को देखते हुए हाई कवरेज के महत्व को समझने लगा है. इसलिए, 1 करोड़ प्लान की पॉपुलैरिटी बढ़ने लगी है जो आज की जरूरत भी है.
गंभीर बीमारियों के कारण लोगों को अक्सर फाइनेंशियल बर्डन का सामना करना पड़ता है. और ऐसी स्थिति में अपनी रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को हाई सम-इंश्योर्ड में पोर्ट करने से इमरजेंसी के वक्त ऑपटिमल कवरेज ऑफर मिल जाता है.
जो आपके और आपके परिवार के लिए फाइनेंशियल शील्ड की तरह काम करता है.