पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत जरूरी है कि कोई एक्सीडेंट होने पर उस व्यक्ति इलाज के लिए आवश्यक मेडिकल सुविधा मिले
पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत जरूरी है कि कोई एक्सीडेंट होने पर उस व्यक्ति इलाज के लिए आवश्यक मेडिकल सुविधा मिले
पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस हमारे देश में इतना पॉपुलर नहीं है. रोजाना औसतन सैकड़ों रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं. इसके बावजूद उनमें से आधे लोगों को भी इस इंश्योरेंस की जानकारी नहीं है.
आज के समय में घर के सभी मेंबर काम करते हैं. ऑफिस जाने के लिए रोजाना ट्रैवल करते हैं. कभी-कभी ऑफिस के काम से उन्हें कई जगहों पर जाना होता है, जिसके लिए वे ट्रांसपोर्टेशन के अलग-अलग तरीके इस्तेमाल करते हैं. उस लिहाज से ट्रैवलिंग के दौरान सावधानी बरतने पर भी एक्सीडेंट होने का रिस्क बना रहता है.
मिलता है वित्तीय मुआवजा
इस तरह, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत जरूरी है कि कोई एक्सीडेंट होने पर उस व्यक्ति इलाज के लिए आवश्यक मेडिकल सुविधा मिले. पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम किसी दुर्घटना के समय इंश्योर्ड और उसके परिवार को वित्तीय मुआवजा प्रदान करता है.
पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस के तहत, बीमित व्यक्ति को चोटों के इलाज के ट्रीटमेंट के लिए मुआवजा मिलता है. साथ ही पॉलिसी होल्डर की मृत्यु होने पर परिवार को पूरी बीमा रकम भी देता है.
डिसेबिलिटी में सहारा
ऐसे प्लान पार्शियल और पूरी डिसेबिलिटी को कम्पनसेट करने के लिए लायबिल हैं, चाहे डिसेबिलिटी टेंपरेरी हो या परमानेंट. उदाहरण के लिए, देखने की क्षमता (vision), सुनने की क्षमता (hearing), बोलने की क्षमता (speech), हाथ या पैर में कोई कमी होना.
डिसेबिलिटी के कारण आय का नुकसान भी हो सकता है, जो परिवार के लिए संकट पैदा करेगा. इस तरह पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस इंश्योर्ड व्यक्ति और उसके परिवार के लिए गए प्लान और सम इंश्योर्ड के आधार पर इनकम लॉस होने पर मुआवजा देता है.
खरीदने की प्रक्रिया
कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस के विपरीत, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस खरीदना काफी सुविधाजनक है. आइए जानें कैसे –
कम से कम डॉक्युमेंटेशन: जबकि दूसरी तरह के इंश्योरेंस प्लान के लिए कई सारे डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस के लिए किसी मेडिकल टेस्ट या सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. कोई भी व्यक्ति एप्लीकेशन फॉर्म भरकर पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस ले सकता है.
कोई मेडिकल टेस्ट नहीं: चाहे हेल्थ इंश्योरेंस हो, टर्म इंश्योरेंस, क्रिटिकल इलनेस या कोई दूसरा इंश्योरेंस, एप्लीकेंट को एक मेंडेटरी क्लॉज को पूरा करना होता है, जो है एक नए मेडिकल चेकअप से गुजरना. कोई भी इंश्योरेंस कंपनी सर्टिफाइड लैब अटेस्टेड मेडिकल रिपोर्ट के बिना इंश्योरेंस पॉलिसी प्रोवाइड नहीं करती है. हालांकि, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस के लिए इस शर्त को पूरा करना जरूरी नहीं है.
आसान क्लेम प्रोसेस: क्लेम सेटलमेंट एक महत्वपूर्ण फैक्टर है जो इंश्योरेंस कंपनी और पॉलिसी होल्डर के बीच संबंध को निर्धारित करता है. पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस का क्लेम प्रोसेस काफी आसान होता है, जहां पॉलिसी होल्डर या उसके नॉमिनी क्लेम को ऑफलाइन या ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं, एक बार इंश्योरेंस कंपनी क्लेम को वेरीफाई कर लेती है, तो यह क्लियर हो जाता है.
वर्ल्डवाइड कवरेज: दिलचस्प बात यह है कि पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस किसी ज्योग्राफिकल लिमिटेशन से बंधा नहीं है क्योंकि यह पॉलिसी अवधी के दौरान किसी भी जगह हुए एक्सीडेंट को कवर करता है.
ट्रांसपोर्टेशन बेनिफिट: जब कोई दूर की यात्रा कर रहा होता है तो एक्सीडेंट होने का खतरा बढ़ जाता है. यदि किसी इंश्योरेंस होल्डर का किसी दूसरे शहर या राज्य में एक्सीडेंट होता है और वहां के अस्पताल में भर्ती किया जाता है; तो इंश्योरेंस कंपनी घायल पॉलिसी होल्डर की ट्रैवलिंग लिए ट्रैवलिंग फंड मैनेज करती है.
(लेखक पॉलिसीएक्स.कॉम के फाउंडर और CEO हैं. ये उनके निजी विचार हैं)