जानिए हेल्थ इंश्योरेंस में प्री-इंश्योरेंस मेडिकल चेकअप से कैसे होता है फायदा

हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले मेडिकल चेकअप नहीं करवाने से आपको कई तरह का नुकसान होता है. बीमा कंपनी आपका लाखों रुपये का क्लेम खारिज कर सकती है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 15, 2021, 04:40 IST
जानिए हेल्थ इंश्योरेंस में प्री-इंश्योरेंस मेडिकल चेकअप से कैसे होता है फायदा

Pixabay - अस्पतालों में अपने रेट बढ़ा दिए हैं. क्लेम बढ़ने से प्रीमियम पर दबाव बढ़ गया है. कोविड की वजह से बीमा कंपनियों पर पहले ही बुरा असर पड़ रहा था, अब गैर-कोविड क्लेम बढ़ने से यह बोझ और भी बढ़ गया है.

Pixabay - अस्पतालों में अपने रेट बढ़ा दिए हैं. क्लेम बढ़ने से प्रीमियम पर दबाव बढ़ गया है. कोविड की वजह से बीमा कंपनियों पर पहले ही बुरा असर पड़ रहा था, अब गैर-कोविड क्लेम बढ़ने से यह बोझ और भी बढ़ गया है.

Pre-Insurance Medical Check-Up: कई लोग स्वास्थ्य बीमा योजना लेते वक्त मेडिकल हेल्थ चेकअप छोड़ देते हैं और बाद में कई परेशानी का सामना करते हैं. शायद मेडिकल चेकअप आपको डरावना या परेशान करने वाला लग सकता है, लेकिन इसका बहुत महत्व और कई फायदे हैं. यदि आपको पहले से किसी बीमारी का पता चल जाता है, तो पॉलिसी लेते वक्त आपको सही योजना का चयन करने में और प्रीमियम कम रखने में सहायता मिलेगी. आपको बाद में किसी बीमारी के बारे में पता चलता है और आप क्लेम करते है तो बीमा कंपनी उसे खारिज भी नहीं कर सकेगी. यदि आप बीमा कंपनी के मुताबिक चिकित्सा रिपोर्ट करवा लेते हैं, तो आपकी स्वास्थ्य की स्थिति स्पष्ट हो जाती हैं, इसलिए आप आसानी से उचित प्रीमियम कीमतों के साथ एक उपयुक्त योजना प्राप्त कर सकते हैं.

कम रहेगा प्रीमियम

हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त या रिन्यू कराते वक्त यदि आप मेडिकल चेकअप प्रक्रिया को छोड़ देते हैं तो मामला धारणा के परिदृश्य में चला जाता है, और आपको एक उच्च जोखिम वाला आवेदक मान लिया जाता है. मेडिकल चेकअप ना करवाने से आपका केस कमजोर बन जाता है, और आपके आवेदन की अस्वीकृति की संभावना अधिक हो जाती है, या आवेदन स्वीकार लिया जाए तो भी आपको अज्ञात स्वास्थ्य स्थितियों के कारण अधिक प्रीमियम खर्च करना पड़ सकता है.

पर्याप्त कवरेज लेने में मिलती है मदद

मेडिकल टेस्ट कराने से आपको पर्याप्त कवरेज लेने में मदद मिलती है और आपको अपने स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी भी हो जाती है, जिससे आप आगे के लिए सतर्क रह सकते हैं. पॉलिसी देने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने से बीमा कंपनियों को आवेदक के स्थास्थ्य के बारे में जानकारी हो जाती है और इसके अनुसार वे पॉलिसी से संबंधित विभिन्न निर्णय सही तरीके से ले पाती हैं.

प्लान का चयन बनेगा आसान

मेडिकल चेकअप से यह सुनिश्चित होता है कि आवेदक सही योजना का चयन कर रहा है जो भविष्य में आवश्यक स्वास्थ्य मांगों को पूरा करती है. चूंकि, बीमा, किसी भी प्रकृति का हो, ग्राहकों को पूर्ण सुरक्षा, वित्तीय सहायता और निरंतर सुविधा प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई सेवा है, इसी तरह, चिकित्सा जांच का प्रावधान सुचारू पॉलिसी अवधि और निष्पादन प्रदान करने के लिए एक पैरामीटर है.

संभवित जोखिम का चल जाता है पता

स्वास्थ्य जांच करवा लेने से स्पष्ट रूप से वर्तमान स्वास्थ्य स्थितियों के साथ-साथ संभावित जोखिम के बारे में पता चल जाता है और आप किसी बीमारी या एक गंभीर बीमारी के कितने करीब हैं यह पता चल सकता है और तदनुसार एक योजना और राइडर लेने में आसानी होती है.

क्लेम खारिज नहीं होगा

आपको कोई बीमारी नहीं है फिर भी आप पॉलिसी लेते वक्त मेडिकल चेकअप नहीं करवाते और बाद में किसी गंभीर बीमारी का पता चलता है तो इसे पहले से मौजूद बीमारी माना जाता है और आपका क्लेम खारिज होने की संभावना है. हालांकि, यदि पॉलिसी खरीद के समय एक उचित अधिकृत चिकित्सा निदान प्रस्तुत किया गया है जिसमें पॉलिसीधारक द्वारा पहले से मौजूद कोई बीमारी नहीं है, तो बीमा कंपनी दावे का निपटान करने से इनकार नहीं कर सकती है.

Published - September 15, 2021, 04:40 IST