पहली बार जीवन बीमा ले रहे हैं? क्या ये बेसिक टर्म पता हैं आपको?

जीवन बीमा खरीदने से पहले जान ले उसके कितने प्रकार होते हैं और किसे कहते हैं प्रीमियम, डेथ बेनिफिट, सरेंडर वैल्यू, फ्री-लुक पीरियड, मैच्योरिटी एज.

LIC Jeevan Umang:

 पॉलिसी को किसी भी समय सरेंडर किया जा सकता है बशर्ते प्रीमियम का भुगतान पूरे तीन वर्षों के लिए किया गया हो. पॉलिसी सरेंडर करने पर, पॉलिसीधारक को सरेंडर वैल्यू गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू के बराबर मिलेगा. 

 पॉलिसी को किसी भी समय सरेंडर किया जा सकता है बशर्ते प्रीमियम का भुगतान पूरे तीन वर्षों के लिए किया गया हो. पॉलिसी सरेंडर करने पर, पॉलिसीधारक को सरेंडर वैल्यू गारंटीड सरेंडर वैल्यू और स्पेशल सरेंडर वैल्यू के बराबर मिलेगा. 

Life Insurance: यदि आप पहली बार जीवन बीमा खरीदने जा रहे है तो आपको कई तरह के टर्म सुनने और पढने मिलेंगे. किसी भी फाइनेंशियल प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके साथ जुडे़ सारे पहलूओं के बारे में जान लेने में ही समझदारी है. लाइफ इंश्योरेंस कई प्रकार के होते है और उसके साथ विभिन्न टर्म जुड़े हैं, यहां हम ऐसे ही टर्म के बारे में जानेंगे.

टर्म इंश्योरेंस प्लानः आप निश्चित अवधि (10, 20 या 30) के लिए इसे खरीद सकते है. अवधि तक प्रीमियम चुकाने के बाद कोई मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं मिलता, लेकिन टर्म के दौरान पॉलिसी धारक की मृत्यु होती है तो लाभार्थी को एक तय रकम मिलती है.

होल लाइफ इंश्योरेंस प्लानः इसमें आपको जीवनभर सुरक्षा कवर मिलता है. ये प्लान खरीदने वाले की मौत 99 साल की उम्र में होती है तो भी नॉमिनी क्लैम करने का हकदार है. इस पॉलिसी का प्रीमियम काफी ज्यादा रहता है.

यूलिपः इसमें प्रोटेक्शन और निवेश दोनों शामिल हैं. यूलिप में निवेश वाले हिस्से को बॉन्ड और शेयर में लगाया जाता है और म्यूचुअल फंड की तरह आपको यूनिट मिलते है, ऐसे में रिटर्न मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड जाता है, इसलिए रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है.

मनीबैक इंश्योरेंस पॉलिसीः निवेश और बीमा के मेल वाली यह पॉलिसी के टर्म दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु होती है तो पूरा एश्योर्ड सम लाभार्थी को मिलता है. बोनस के साथ एश्योर्ड सम पॉलिसी टर्म के दौरान ही किस्तों में वापस किया जाता है.

सेविंग्स कम इन्वेस्टमेंट प्लान्सः इस प्रकार की लाइफ इंश्योरेंस कैटेगरी में ट्रेडिशनल और यूनिट लिंक्ड दोनों तरह के प्लान्स कवर होते हैं.

चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसीः इसमें पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद बच्चे को एकमुश्त रकम का भुगतान होता है. भविष्य के सारे प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं और कंपनी निवेश जारी रखती है.

एंडोमेंट पॉलिसीः एंडोमेंट पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारक की मौत होने पर या निर्धारित सालों के बाद पॉलिसी अमाउंट की फेस वैल्यू का भुगतान किया जाता है. निश्चित अवधि के खत्म होने के बाद बोनस के साथ एश्योर्ड सम वापस किया जाता है.

प्रीमियमः पॉलिसी के लिए आप हर साल जिस राशि का भुगतान बीमा कंपनी को करते है उसे प्रीमियम कहते है. प्रीमियम का भुगतान नहीं करने पर पोलिसी रद्द कर दी जाती है. आपको पॉलिसी के प्रकार के मुताबिक निश्चित अवधि तक या एकमुश्त प्रीमियम का भुगतान करना होता है.

राइडरः आप बेसिक लाइफ इंश्योरेंस प्लान के अलावा अधिकतम लाभ पाने के लिए टोप-अप खरीदते है उसे राइडर कहा जाता है. जैसे, जीवन बीमा पॉलिसी के साथ आप एक्सिडंटल डेथ बेनिफिट राइडर, परमेनेंट डिसएबिलिटी राइडर जोड सकते है.

डेथ बेनिफिटः पोलिसी की अवधि के दौरान पोलिसीधारक की मृत्यु होने पर नोमिनी को बीमा कंपनी की ओर से जिस राशि का भुगतान किया जाता है उसे डेथ बेनिफिट कहते है.

नोमिनीः आप जीवनसाथी, बच्चों, माता-पिता और परिवार के सदस्यों सहित किसी को भी नोमिनी बना सकते है. पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर नोमिनी को बीमा कंपनी तरफ से लाभ दिया जाता है.

मैच्योरिटी एजः यह अधिकतम आयु है जिस पर पॉलिसी समाप्त हो जाती है. यदि 25 वर्षीय पॉलिसीधारक ने 65 वर्ष की परिपक्वता आयु के साथ जीवन बीमा का लाभ उठाया है, तो पॉलिसी की अधिकतम अवधि अगले 40 वर्षों के लिए होगी.

सरेंडर वैल्यूः परिपक्वता आयु से पहले पॉलिसी बंद करने की स्थिति में बीमा कंपनी पॉलिसीधारक को राशि का भुगतान कर सकती है, इसे सरेंडर वैल्यू कहते है.

फ्री-लुक अवधि: बीमा खरीदते वक्त पॉलिसीधारक फ्री-लुक आउट अवधि मिलती है, जिसके दौरान आपको यदि पॉलिसी के नियम, फायदे या शर्ते अच्छे न लगे तो इसे वापस किया जा सकता है. पॉलिसी दस्तावेज प्राप्त करने के 15 दिनों के भीतर पॉलिसीधारक रिफंड ले सकता है.

Published - August 6, 2021, 03:43 IST