Car Insurance: भारत में कार मालिकों के लिए वाहन इंश्योरेंस (Car Insurance) एक जरूरी डॉक्यूमेंट होता है. मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक, पब्लिक सड़कों पर किसी भी कार का थर्ड पार्टी कवर होना जरुरी है, लेकिन एक कानूनी मुद्दा होने के अलावा कार इंश्योरेंस होने के अपने फायदे हैं. कार इंश्योरेंस आपको क्षति या दुर्घटना की स्थिति में फाइनेंशियल हेल्प प्रदान कर सकता है, लेकिन कुछ ऐसे भी कारण है, जिनके चलते आपका कार इंश्योरेंस रिजेक्ट हो सकता है और आपका क्लेम खारिज भी किया जा सकता है. ऐसे में आईए उन 5 प्रमुख कारणों पर एक नज़र डालते हैं जिनकी वजह से आपके कार इंश्योरेंस के रिजेक्ट होने की संभावना होती है.
ज्यादातर इंश्योरेंस क्लेम के रिजेक्ट होने का कारण यह होता है कि कार मालिकों के द्वारा फ़र्ज़ी क्लेम किया जाता है. ऐसे में यदि बीमाकर्ता आपके दावे में द्वेष की पहचान कर लेता है, तो आप व्हीकल इंश्योरेंस से मिलने वाले सभी लाभों को खो सकते हैं. इतना ही नहीं, आप के ऊपर क़ानूनी कारवाही भी की जा सकती है.
यदि आप नियमित रूप से कमर्शियल उद्देश्यों के लिए अपनी प्राइवेट कार का उपयोग कर रहे हैं, तो आपका कार इंश्योरेंस अमान्य हो सकता है और दुर्घटना की स्थिति में क्लेम करने पर आपके द्वारा किये गये क्लेम को अस्वीकार किया जा सकता है. क्योंकि कमर्शियल व्हीकल्स के इंश्योरेंस कवर और कानून अलग होते हैं.
यदि आपने पॉलिसी अवधि के दौरान नई एक्सेसरीज़ जोड़ी हैं या अपनी कार को मॉडिफाई किया है, तो इंश्योरेंस का रिन्यूअल कराने से पहले आपको अपने बीमाकर्ता को इसके बारे में सूचित करना होगा.
यदि आप इन मॉडिफिकेशन्स की जानकारी अपने बीमाकर्ता को नहीं देते हैं. तो आप कार इंश्योरेंस से मिलने वाले लाभों को खो सकते हैं.
यदि पॉलिसीधारक समय पर कार इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान नहीं करता है, तो ऐसे में इंश्योरेंस पॉलिसी अमान्य हो जाएगी.
हालांकि, भारत में अधिकांश इंश्योरेंस कंपनियां 90 दिनों का ग्रेस पीरियड देती हैं, जिसके दौरान व्यक्ति पॉलिसी को रिन्यूअल करवा सकता है.
लेकिन एक बार ग्रेस पीरियड समाप्त हो जाने पर आप इंश्योरेंस से मिलने वाले सभी लाभों को खो देंगे. इसीलिए किसी भी अनावश्यक रिजेक्शन से बचने के लिए समय पर इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करना चाहिए.
ऐसा कई बार देखा गया है कि बड़ी संख्या में खरीदार कार इंश्योरेंस खरीदते समय अपनी कार से जुडी कई महत्वपूर्ण जानकारियां छुपा लेते है.
ऐसा करना भले ही कुछ समय के लिए आपको सुविधाजनक लग सकता है और आपके पैसे भी बचवा सकता है, लेकिन यह आपकी कार इंश्योरेंस पॉलिसी को अमान्य भी बना सकता है.
इसीलिए कार या कोई भी इंश्योरेंस करवाते समय अपने बीमाकर्ता से किसी भी प्रकार की जानकारी छुपानी नहीं चाहिए. जिससे आपको समय पर क्लेम मिल सके.