जीवन बीमा में सम एश्योर्ड क्या होता है, क्यों है ये आपके लिए अहम?

सम एश्योर्ड (बीमा राशि) आपकी जीवन बीमा पॉलिसी का एक महत्वपूर्ण घटक है, इसलिए इस पर सही निर्णय लेना आवश्यक है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 11, 2021, 02:22 IST
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कोविड से ठीक हुए मरीजों की गंभीरता के आधार पर इंश्योरेंस देने से पहले वेटिंग पीरियड और मेडिकल जांच होगी.

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SUM ASSURED: जीवन बीमा प्लान खरीदने से पहले कई लोग सम एश्योर्ड को लेकर उलझन का सामाना करते है. कितने का सम एश्योर्ड लेना चाहिए यह तय करने में भी लोगों को दुविधा देखने को मिलती है. कई लोगों के पास जीवन बीमा तो है, लेकिन उनका सम एश्योर्ड पर्याप्त नहीं है. ऐसे में यदि आप जीवन बीमा प्लान खरीदने की सोच रहे है या आपके पास पहले से ही ऐसा प्लान है तो आपको सम एश्योर्ड के साथ जुड़ी कुछ अहम बातें जान लेनी चाहिए. आखिर सम एश्योर्ड का कितना महत्व होता है एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में ये जानते हैं.

सम एश्योर्ड क्या है?

सम एश्योर्ड को आप सुनिश्चित राशि, बीमित राशि या बीमाकृत राशि कह सकते है. यह राशि एक बीमा कंपनी किसी पॉलिसीधारक या उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को बीमित घटना के घटित होने पर देती है. बीमा कंपनी आपको जीवन बीमा पॉलिसी के तहत प्रीमियम प्राप्त करने के बदले में इस राशि का भुगतान करने की गारंटी देती है. कोई विशिष्ट प्रकार की जीवन बीमा योजनाओं के अंतर्गत परिपक्वता लाभ प्राप्त करने का विकल्प भी मिलता है.
सम एश्योर्ड से पता चलता है कि, आपका बीमा कितने मूल्य का है. यह आपके इंश्योरेंस का मूल्य दर्शाता है. आप जिस पॉलिसी प्लान के लिए साइन अप करते हैं, उसके नियमों और शर्तों के आधार पर, यह राशि पॉलिसी अवधि के दौरान बढ़ या घट सकती है.

विभिन्न प्रकार के सम एश्योर्ड

आप किस तरह के जीवन बीमा प्लान को चुनते है, उस आधार पर बीमित राशि के लिए बीमित घटनाएं बदलती है. जैसे सेविंग प्लान होगा तो आपको मैच्योरिटी बेनिफिट और डेथ बेनिफिट, दो बीमित घटनाओं में सम एश्योर्ड का भुगतान किया जाएगा. अगर आपने केवल सुरक्षा प्लान खरीदा है तो बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर ही लाभ मिलता है और स्वास्थ्य-उन्मुख प्लान है तो आरोग्य से जुडी घटना (जैसे गंभीर बीमारी या विकलांगता) के बाद जीवित रहने की घटना में लाभ मिल सकता है.

सम एश्योर्ड कितने का होना चाहिए

जीवन बीमा कंपनी के पास कई तरह के प्लान होते है, जो आपको मृत्यु, गंभीर बीमारी या विकलांगता के सामने सुरक्षा प्रदान करते है. आपको अपनी जरूरत को ध्यान में रखते हुए सही अमाउंट का सम एश्योर्ड लेना चाहिए. आमतौर पर, आपकी बीमा राशि आपकी वार्षिक आय का 10 गुना होनी चाहिए. यदि आप 30 साल से कम उम्र के है तो सालाना आय का 20 गुना सम एश्योर्ड लेना चाहिए और उम्र 50 साल से ज्यादा है तो इनकम का 7-8 गुना सम एश्योर्ड खरीदना जरूरी है. आपको बढ़ती मेडिकल महंगाई, पुरानी बीमारी, आपकी लाइफस्टाइल को ध्यान में लेने के बाद यह सुनिश्चित करना चाहिए कि, आपकी मृत्यु होने के बाद जो राशि आपके परिवार को मिलेगी वह पर्याप्त होगी की नहीं.

कैसे बढ़ाएं सम एश्योर्ड

यदि आपको लगता है कि आपने बहुत ही कम अमाउंट का सम एश्योर्ड लिया है और उसे बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उम्र ज्यादा होने की वजह से ऊंचा प्रीमियम चुकाने को तैयार नहीं है तो आप राइडर का सहारा ले सकते है. आपको अपने बेजिक जीवन बीमा प्लान के साथ कुछ राइडर को जोड देना चाहिए, जिससे आपका सम एश्योर्ड भी बढ़ जाएगा.

आप टर्म राइडर, एक्सीडेंटल डेथ एंड डिसेबिलिटी राइडर, गंभीर बीमारी राइडर या प्रीमियम राइडर की छूट (मृत्यु या पूर्व-निर्धारित गंभीर बीमारियों के मामले में पॉलिसी के तहत सभी भावी प्रीमियमों की छूट) को चुन सकते हैं.

Published - August 11, 2021, 02:22 IST