टू-व्हीलर इंश्योरेंस का रिन्यूअल कराने से पहले ये आम गलतियां करने से बचें, नहीं तो पड़ेगा पछताना

स्टैंडर्ड पॉलिसी आमतौर पर 1 साल वैलिड होती है, इस पॉलिसी को रिन्यू कराना पड़ता है. पॉलिसी को रिन्यू नहीं कराने पर जुर्मानेे के साथ जेल भी हो सकती है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 31, 2021, 07:08 IST
Avoid these common mistakes before renewing two wheeler insurance, otherwise you will regret

आपको कार्यकाल पूरा होने से पहले अपनी मौजूदा दोपहिया बीमा पॉलिसी को नवीनीकृत करना होगा। यह आपके द्वारा अर्जित सभी लाभों को बचाता है

आपको कार्यकाल पूरा होने से पहले अपनी मौजूदा दोपहिया बीमा पॉलिसी को नवीनीकृत करना होगा। यह आपके द्वारा अर्जित सभी लाभों को बचाता है

हमारे देश के कानून के मुताबिक, टू व्हीलर गाड़ी को सड़क पर चलाने के लिए इंश्योरेंस की जरूरत होती है. नई बाइक खरीदते वक्त, डीलर आपको बेसिक इंश्योरेंस पॉलिसी देता है. स्टैंडर्ड पॉलिसी आमतौर पर एक साल के लिए मान्य होती है, तो हर साल आपको इस इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यूअल कराना पड़ता है. आप समय पर इस पॉलिसी को रिन्यूअल नहीं कराने पर आपको जुर्माना देने के साथ जेल भी हो सकती है.

डिजिटलाइजेशन के दौर में आप बाइक का इंश्योरेंस ऑनलाइन घर बैठे बड़ी आसानी से करा सकते हैं. जबकि कई टू व्हीलर मालिक इंश्योरेंस रिन्यूअल कराते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं. आइए जानते हैं उन आम गलतियों के बारे में जो गाड़ी मालिक इंश्योरेंस कराते समय कर बैठते हैं.

नो क्लेम बोनस

नो क्लेम बोनस (NCB) डिस्काउंट इंश्योरेंस कंपनी ग्राहकों को देती है, अगर पॉलिसी होल्डर किसी तरह का कोई क्लेम तय समय के दौरान दाखिल नहीं करता है. अक्सर ग्राहक रिन्यूअल कराने के वक्त इस फायदे को लेना भूल जाते हैं.

लॉन्ग टर्म प्लान नहीं लेने पर

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लॉन्ग टर्म टू व्हीलर इंश्योरेंस, शॉर्ट टर्म की तुलना में ज्यादा फायदेमंद साबित होता है. अगली बार पॉलिसी रिन्यूअल कराते समय आगामी कई साल के लिए इंश्योरेंस रिन्यू कराएं. इस तरह आप सालाना पॉलिसी रिन्यूअल की चिंता छोड़कर प्रीमियम पर बचत कर सकते हैं.

ऐड ऑन कवर को इग्नोर करना

थोड़ी सी बचत के लिए ग्राहक इंश्योरेंस पर मिलने वाले अतिरिक्त कवर को नहीं खरीदते हैं. एक कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी में कई प्रकार के ऐड-ऑन कवर होते हैं. अक्सर लोग इंश्योरेंस रिन्यूअल कराते वक्त इन ऐड ऑन को नहीं लेते हैं.

गलत जानकारी देना

इंश्योरेंस खरीदते समय हमेशा याद रखें कि कंपनी को सही जानकारी दें. ऐसा न करना सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है. कंपनी को दी हुई जानकारी में गलती मिलने में गाड़ी को लेकर किया गया क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. इसलिए हमेशा डिटेल्स देते वक्त बेहद सावधानी बरतें.

मॉडिफिकेशन की जानकारी न देना

अपने वाहन को सुंदर बनाने के लिए लोग पॉलिसी पीरियड के तहत अक्सर अतिरिक्त एसेसरीज और मॉडिफिकेशन करवाते हैं. ऐसा करवाने के बाद जरूरी है कि आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी को इसकी जानकारी दें. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो क्लेम के दौरान आपका दावा रिजेक्ट कर किया जा सकता है या मिलने वाली राशि में कटौती हो सकती है.

टर्म और कंडीशन की अनदेखी करना

इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी की शर्तों में समय के साथ बदलाव करती रहती हैं. इसलिए जरूरी है कि पॉलिसी खरीदने से पहले आप इन सारी जानकारियों को पढ़ें. इससे क्लेम के दौरान आपको परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

Published - August 31, 2021, 07:08 IST