वर्ल्ड बैंक ग्रुप (World Bank Group) ने कई देशों में निवेश के माहौल के आधार पर तैयार की जाने वाली डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (Doing Business report) का प्रकाशन बंद करने का फैसला किया है. हाल में समूह पर इसमें अनियमितता के आरोप लगे थे. चीन की रैंकिंग (China’s EODB rank) बढ़ाने के लिए 2017 में कुछ शीर्ष बैंक अधिकारियों द्वारा कथित रूप से दबाव बनाने के कारण डेटा अनियमितताओं की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया.
विश्व बैंक समूह ने गुरुवार को कहा, ‘पिछली समीक्षाओं के निष्कर्षों, ऑडिट और बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल की ओर से आज जारी रिपोर्ट सहित कारोबारी सुगमता (ease of doing business) पर अब तक उपलब्ध सभी सूचनाओं की समीक्षा करने के बाद विश्व बैंक समूह के प्रबंधन ने डूइंग बिजनेस रिपोर्ट को बंद करने का फैसला किया है.’
ग्रुप का कहना है कि विकास में निजी क्षेत्र की भूमिका को आगे बढ़ाने और सरकारों को समर्थन देने के लिए वह प्रतिबद्ध है.
बैंक ने कहा, ‘आगे हम व्यापार और निवेश के माहौल का आकलन करने के लिए एक नए नजरिए पर काम करेंगे. हम अपने उन कर्मचारियों के प्रयासों के आभारी हैं, जिन्होंने कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए अपना पूरा जोर लगाया. हम अब उनकी ऊर्जा और क्षमताओं का नए तरीकों से उपयोग करेंगे.’
विश्व बैंक को कारोबारी सुगमता रिपोर्ट 2018 और 2020 में डेटा अनियमितताओं की जानकारी जून 2020 में आंतरिक रूप से मिली थी. इसके बाद प्रबंधन ने अगली कारोबारी सुगमता रिपोर्ट का प्रकाशन रोक दिया और इसकी कार्यप्रणाली की समीक्षा शुरू की.
2020 की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत ने 14 स्थान की छलांग लगाकर 63वां स्थान हासिल किया था. भारत ने पांच वर्षों (2014-19) में अपने वरीयता क्रम (doing business ranking) में 79 स्थानों का सुधार किया है.