भारत की सॉफ्टवेयर-एज-अ-सर्विस (SaaS) कंपनियां कुछ बाधाओं के चलते अपने आप को भारत के बाहर रजिस्टर कर रही है. इसे लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आया है. वित्त मंत्री ने सीआईआई और फिक्की के उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में कहा कि ‘आईटी प्रोडक्ट सेक्टर की उन बाधाओं पर गौर किया जाएगा जो SaaS कंपनियों को भारत के बाहर रजिस्टर के लिए मजबूर कर रही हैं.’
सॉफ्टवेयर फर्म किसप्लो (Kissflow) के संस्थापक सुरेश समबंदम ने वित्त मंत्री सीतारमण से कहा कि एक ट्रिलियन डॉलर के अवसर के साथ, सास क्षेत्र 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी तक पहुंचने की सरकार की महत्वाकांक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. लेकिन देश वेल्थ क्रिएशन में पीछे रह रहा है क्योंकि एंटरप्रेन्योर्स विभिन्न बाधाओं के कारण भारत के बाहर कंपनियों को रजिस्टर करना पसंद कर रहे हैं.
सुरेश समबंदम ने कहा, ‘बिजनेस मॉडल में बदलाव के बावजूद, टैक्सेशन के मोर्चे पर सॉफ्टवेयर को अभी भी कंसल्टिंग सर्विस की तरह ट्रीट किया जाता है जिस वजह से उत्पाद की बिक्री पर टीडीएस लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘मैंने वित्त मंत्री से इस पर गौर करने का अनुरोध किया है. सॉफ्टवेयर के मूल्य का आकलन करने के लिए ‘सॉफ्टेक्स’ (सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट) फॉर्म दाखिल करने की विरासत प्रणाली (legacy system) को भी खत्म करने की जरूरत है क्योंकि वेबसाइटों पर कीमतें पारदर्शी हैं.’ समबंदम ने कहा, ‘वित्त मंत्री ने हमें मंत्रालय को एक विस्तृत नोट भेजने के लिए कहा, जिस पर वह गौर करेंगी.’
इस बातचीत में सीमेंट इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व इंडिया सीमेंट्स के एमडी एन श्रीनिवासन ने किया. उन्होंने कोयले (coal) और पेट कोक (pet coke) के आयात पर अस्थायी वित्तीय राहत की मांग की. उन्होंने कहा, ‘ कोयले की कीमत काफी ज्यादा बढ़ गई है. जो कीमत 70 डॉलर प्रति टन थी वह अब 170-180 डॉलर प्रति टन हो गई है. इस पर आयात शुल्क 400 रुपये प्रति टन है. पेट कोक के लिए यह 11 फीसदी है. तेज वृद्धि को देखते हुए हमने शुल्क में कमी की मांग की है.’
इसके अलावा, चूना पत्थर सहित खनिजों के लिए बने एमएमडीआर अधिनियम को लेकर भी वित्त मंत्री से बातचीत हुई. एन श्रीनिवासन ने कहा, ‘हमें एमएमडीआर अधिनियम पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह नई सीमेंट क्षमता स्थापित करने में बाधा नहीं बनना चाहिए.’
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्थापित किए जाने वाले अस्पतालों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन की मांग की. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार का डिसइनवेस्टमेंट प्लान पटरी पर है. उन्होंने यह भी कहा कि बजट में घोषित डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन जल्द ही चालू हो जाएगा, और तरलता अब एक प्रमुख चिंता का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि बैंक-एनबीएफसी-एमएफआई चैनल खुल गया है और 15 अक्टूबर से जरूरतमंद लोगों तक कर्ज पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.
वित्त मंत्री ने मदुरै (Madurai) में तमिलनाडु चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और उनके मुद्दों पर चर्चा की. उद्योगपतियों की एक प्रमुख मांग एक चैप्टर के तहत आने वाले सभी सामानों के लिए एक जीएसटी दर तय करने में अस्पष्टता को दूर करना था. उन्होंने सभी खाद्य निर्माताओं को ब्रांडिंग के लिए प्रेरित करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक खाद्य उत्पादों (essential food products), चाहे वह ब्रांडेड हो या अनब्रांडेड, पर टैक्स छूट की मांग की.
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