खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में लगातार दूसरे महीने घटकर 11.16 फीसदी पर आ गई है. हालांकि, इस दौरान मैन्युफैक्चरिंग वस्तुओं और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भी हुई. जुलाई में लगातार चौथे महीने थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछले साल के निचले आधार प्रभाव की वजह से दो अंक में यानी 10% से ऊंची बनी हुई है. जुलाई 2020 में थोक मुद्रास्फीति शून्य से 0.25% नीचे थी.
जुलाई में लगातार तीसरे महीने खाद्य वस्तुओं के दाम कम हुए
मंत्रालय ने कहा कि जुलाई, 2021 में मुद्रास्फीति की ऊंची दर की वजह कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, मैन्युफैक्चरिंग वस्तुओं मसलन मूल धातु, खाद्य उत्पादों, परिधान, रसायन और रसायन उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी है. जुलाई में लगातार तीसरे महीने खाद्य वस्तुओं के दाम कम हुए हैं. जुलाई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति ‘शून्य’ रही. यह जून में 3.09% थी.
प्याज के बढ़ गए दाम
इस दौरान प्याज महंगा हुआ है. प्याज की मुद्रास्फीति 72.01% के ऊंचे स्तर पर थी. कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति जुलाई में 40.28% रही, जो जून में 36.34% थी. विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति जुलाई में 11.20% रही, जो जून में 10.88 प्रतिशत थी.वहीं थोक मुद्रास्फीति अप्रैल 2021 में 10.74% पर पहुंची थी. मई में यह रिकॉर्ड स्तर 13.11% पर थी. जून में यह घटकर 12.07% और उसके बाद जुलाई में 11.16% पर आ गई.
पिछले साल अगस्त से बढ़ रही है मुख्य थोक मुद्रास्फीति
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति संभवत: जुलाई में 10.8% के उच्च स्तर पर रहेगी. उन्होंने कहा कि अगस्त, 2020 से मुख्य थोक मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है. आगे चलकर डेल्टा प्लस संक्रमण को लेकर प्रभाव धीरे-धीरे कम होगा जिससे मुख्य मुद्रास्फीति नीचे आएगी. उन्होंने कहा कि मुख्य WPI मुद्रास्फीति के अक्टूबर, 2021 तक दो अंक में बने रहने की संभावना है. ऐसे में पिछले दो महीने से इसमें आई नरमी से मौद्रिक नीति समिति को कोई गुंजाइश नहीं मिलेगी.
बढ़ रही है उत्पादन की लागत
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा थोक मुद्रास्फीति हर महीने नीचे आ रही है, लेकिन विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति जून के 10.9% से जुलाई में 11.2% पर पहुंच गई है, जो चिंता की बात है. इससे उत्पादन की लागत बढ़ रही है और उत्पादों के लिए मूल्य-लागत मार्जिन घट रहा है.
जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति दर घटी
रिजर्व बैंक ने अपनी पिछली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखा है. मौद्रिक समीक्षा तय करते समय केंद्रीय बैंक खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति की दर घटकर 5.59% पर आ गई.
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