भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने दूरसंचार क्षेत्र में सरकारी शुल्क को लेकर सवाल उठाए हैं. मित्तल ने फंड रेजिंग प्लान पर एक इन्वेस्टर कॉल को संबोधित करते हुए कहा कि ‘कमाए 100 रुपये में से 35 रुपये सरकार के पास जाते हैं. हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में सरकार इंडस्ट्री की कुछ वास्तविक मांगों को अनुकूल रूप से देखेगी.’
मित्तल ने कहा कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम पेमेंट से कंपनियों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है और उन्हें उम्मीद है कि दूरसंचार उद्योग पर बोझ कम होगा. 5G रोल आउट पर मित्तल ने कहा कि नीलामी अगले साल की शुरुआत में होने की उम्मीद है और FY23 की दूसरी छमाही तक इसे रोल आउट कर दिया जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया कि कंपनी का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में 200 रुपये का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) हासिल करना है. इसके बाद का लक्ष्य 300 रुपये तक पहुंचना है.
मित्तल ने कहा कि उन्हें 5G की कीमत अट्रैक्टिव होने की उम्मीद है. उन्होंने 5जी इनेबल्ड डिवाइसेज की कीमत में भी कमी आने की बात कही. वहीं, उन्होंने कहा कि एयरटेल की 21,000 करोड़ रुपये की फंड जुटाने की योजना फर्म को 5जी सेवाओं, फाइबर और डेटा सेंटर व्यवसाय के रोलआउट में निवेश में तेजी लाने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि एयरटेल के पास भारत को ग्रोथ के अगले फेज में ले जाने का अवसर है.
बता दें कि भारती एयरटेल के बोर्ड ने रविवार को राइट्स इश्यू के जरिए 535 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 21,000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दी है. कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी करीब 55.8 फीसदी है, जबकि पब्लिक होल्डिंग 44.09 फीसदी. राइट्स इश्यू के जरिए जुटाए जा रहे इस फंड का निवेश 5जी, फाइबर और डाटा सेंटर कारोबार जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा.