पूरियां आदि तलने के बाद कढ़ाई में जो तेल बच जाता है, वह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक होता है. लेकिन यह तेल आपकी कमाई करा सकता है और साथ ही आपका पैसा भी बचा सकता है. कढ़ाई में बचे इस तेल को आप बायो फ्यूल प्लांट्स को बेच सकते हैं और बायो फ्यूल का उपयोग पेट्रोल-डीजल के स्थान पर करने से आपकी अच्छी खासी बचत भी होगी. यानी आम के आम और गुठलियों के दाम. आइए 9 पॉइंट्स के जरिए इसे समझते हैं.
1. केडिया एडवाइजरी के मैनेजिंग डायरेक्टर और रिसर्च हेड अजय केडिया ने बताया कि एडिबल ऑयल में एनर्जी कंटेंट रहता है. शुरुआत में 15 से 20 प्रतिशत तक एडिबल ऑयल डीजल में मिलाया जाता था. अब तकनीक बढ़ने के बाद 30-40 प्रतिशत तक मिक्स किया जा सकता है. पिछले वर्ष वैश्विक बाजार में इसकी अनुमति मिल चुकी है.
2. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मई में कहा था कि लोगों को खाद्य तेल का एक बार ही उपयोग करना चाहिए. इसके बाद इस तेल को इकट्ठा कर और इसे प्रॉसेस कर बायो फ्यूल में उपयोग किया जा सकता है. इससे कचरे में फिकने वाला तेल बायो फ्यूल में उपयोग होगा और ग्राहक को बायबैक वैल्यू भी मिलेगी.
3. हम अगर खाने के तेल को एक बार इस्तेमाल के बाद बायो फ्यूल में उपयोग होने के लिए देते हैं, तो उसका एक बड़ा फायदा हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ भी है. बार-बार गर्म हुआ खाने का तेल शरीर में ट्रांस फैट बढ़ाता है. साथ ही इससे ह्रदय रोग और कैंसर के खतरे भी बढ़ जाते हैं.
4. यूज्ड कुकिंग ऑयल को इकट्ठा करने के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है. यह इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण बायोडीजल उत्पादकों के सामने चुनौतियां पैदा हो रही हैं. अपशिष्ट पदार्थों से ऊर्जा उत्पाद तैयार करने वाले प्लांट्स के पास प्रति दिन 10 टन यूज्ड कुकिंग ऑयल से डीजल तैयार करने की क्षमता है, लेकिन ये प्लांट्स इस समय प्रति माह 5 से 6 टन यूज्ड कुकिंग ऑयल ही इकट्ठा कर सकते हैं.
5. जैव ईंधन नीति 2018 के अनुसार, भारत का लक्ष्य साल 2030 तक 5% बायोडीजल ब्लेंड करना है. वहीं, यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर रिपोर्ट, 2020 के मुताबिक, मौजूदा समय में भारत में केवल 0.16% बायोडीजल ही ब्लेंड हो रहा है.
6. भारत में सालाना 102 अरब लीटर डीजल की खपत होती है. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि ब्लेंडिंग टार्गेट्स को पूरा करने के लिए प्रति वर्ष 5 बिलियन लीटर से अधिक बायोडीजल की आवश्यकता है. इसमें से 1.1 अरब लीटर यूज्ड कुकिंग ऑयल से ही प्राप्त किया जा सकता है.
7. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय का दावा है कि भारत सालाना लगभग 27 अरब लीटर खाना पकाने के तेल का उपयोग करता है. इसमें से 1.4 अरब लीटर यूज्ड कुकिंग ऑयल अकेले फूड ऑपरेटर्स से एकत्र किया जा सकता है, जिससे 1.1 अरब लीटर बायोडीजल बनाया जा सकता है.
8. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा है कि सरकार अगले 6 महीने में फ्लेक्स फ्यूल इंजन को अनिवार्य करने जा रही है. उन्होंने बताया कि ऑटो कंपनियों को वाहनों में फ्लेक्स फ्यूल इंजन देने के आदेश दिए जाएंगे.
9. बायो फ्यूल को खाद्य तेल और एथनॉल से तैयार किया जा सकता है. भारत अपनी सालाना जरूरत का 60% खाद्य तेल आयात करता है. वहीं, एथनॉल चीनी से तैयार होता है. अगर प्लांट्स बायो फ्यूल के लिए पूरी तरह से खाद्य तेल और एथनॉल पर निर्भर हों, तो चीनी व खाद्य तेल के दाम बढ़ने की संभावना है. वहीं, अगर यूज्ड कुकिंग ऑयल का ठीक तरह से इस्तेमाल बायो फ्यूल के लिए हो, तो सबके हाथ में लड्डू होंगे.
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