रोजगार के मोर्च पर देश के शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) बढ़ने लगी है. शहरी क्षेत्रों में सभी उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) जनवरी-मार्च 2021 में बढ़कर 9.4 प्रतिशत हो गई है. जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 9.1 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के मामले में बेरोजगारी दर अधिक चिंताजनक हैं. सभी आयु वर्ग की महिलाओं की बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में बढ़कर 11.8% हो गई जो पिछले साल 10.5% थी. वहीं अक्टूबर-दिसंबर 2020 में यह दर 13.1 फीसदी थी.
क्या बोलीं बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य आर्थिक सलाहकार?
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कोविड के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए सख्त लॉकडाउन ने 2020 की अप्रैल-जून तिमाही में समग्र बेरोजगारी दर को 20.9% तक बढ़ा दिया, जिससे देश भर में नौकरी की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ गई थी. अर्थव्यवस्था के खुलने के बाद से रोजगार की स्थिति में लगातार सुधार हुआ है. कई राज्यों ने अभी भी बेरोजगारी को लेकर सभी आयु वर्गों के लिए डबल डिजिट के फिगर्स दिखाए हैं.
बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा वित्त वर्ष 2021 कि चौथी तिमाही के लिए नवीनतम पीएलएफएस (आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण) सर्वेक्षण से पता चलता है कि वित्त रोजगार में लगातार सुधार हुआ है, जबकि इस तिमाही के दौरान बेरोजगारी दर 10.3 प्रतिशत से घटकर 9.4 प्रतिशत हो गई है.
किसे माना जाता है बेरोजगार ?
घोष ने कहा, महिला बेरोजगारी दर में गिरावट आई है जो पुरुष बेरोजगारी दर से कहीं अधिक थी. सीडब्ल्यूएस (वर्तमान साप्ताहिक स्थिति) के मुताबिक किसी को बेरोजगार तब माना जाता है, जब कोई सात दिनों तक किसी भी दिन एक घंटे के लिए भी काम नहीं करता है. रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी बेरोजगारी दर में 12 सितंबर को समाप्त सप्ताह में तेज गिरावट देखने को मिली थी. इसका मुख्य कारण त्योहारी सीजन में अधिक संख्या में नियुक्तियां हुईं थी. इसके बाद नवंबर में शहरी बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ने लगी.