लगातार 5 महीनों की ग्रोथ के बाद नवंबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI Transaction) में गिरावट आई है. फेस्विटल सीजन के कारण अक्टूबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन ने रिकॉर्ड बनाया था. अक्टूबर की तुलना में नवंबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI Transaction) 0.4% गिरकर 7.68 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले महीने में यह 7.7 लाख करोड़ रुपए था.
वॉल्यूम और वैल्यू दोनों हिसाब से गिरावट
वॉल्यूम और वैल्यू दोनों हिसाब से ट्रांजैक्शन में गिरावट आई है. नवंबर में, 418 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड किए गए, जो अक्टूबर में 421 करोड़ थे. ट्रांजैक्शन वैल्यू 0.4% घटकर 7.68 लाख करोड़ रुपए हो गई. पिछले महीने यह 7.71 लाख करोड़ रुपए थी. इससे पहले मई 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच यूपीआई ट्रांजैक्शन में गिरावट आई थी.
यूपीआई ट्रांजैक्शन में कौन हैं लीडर?
मई के बाद, यूपीआई ट्रांजैक्शन वैल्यू ने हर महीने नया रिकॉर्ड बनाया. यूपीआई ट्रांजैक्शन वैल्यू ने जुलाई में 6 लाख करोड़ रुपए और अक्टूबर में 7 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया था. फोन-पे, गूगल-पे और पे-टीएम पेमेंट्स बैंक, UPI में लीडर्स हैं. मंथली ट्रांजैक्शन वैल्यू में इनका शेयर 45%, 37% और 10% है.
इस साल 34 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन प्रोसेस
कैलेंडर वर्ष में अब तक, UPI ने 34 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए हैं. इसकी वैल्यू 65.39 ट्रिलियन रुपये है. वहीं वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग 27 अरब ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए गए हैं. जो 2020-21 (FY21) में प्रोसेस किए ट्रांजैक्शन को पार कर गया है। FY21 में, प्लेटफॉर्म ने लगभग 22 अरब ट्रांजैक्शन प्रोसेस किए थे.
40-42 अरब ट्रांजैक्शन का लक्ष्य
पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर दिलीप असबे ने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2021-22) में लक्ष्य 40-42 अरब ट्रांजैक्शन को छूना है. एक्सपर्ट्स को लगता है कि यूपीआई में ग्रोथ का अगला चरण ऑटोपे फीचर से आएगा, जो 5,000 रुपये तक के रिकरिंग पेमेंट की अनुमति देता है. पिछले तीन महीनों में इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 9 मिलियन रिकरिंग मैंडेट रजिस्टर किए गए हैं.