घरेलू बाजार में दोपहिया वाहनों की बिक्री में हालिया रुझान बताता है कि आर्थिक मंदी और Covid19 ने कम आय वाले लोगों पर एक बड़ा आर्थिक प्रभाव डाला है. दोपहिया निर्माताओं (Two Wheeler makers) ने घरेलू बाजार में कार और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) निर्माताओं की तुलना में अपने सेल्स वॉल्यूम में बहुत तेज गिरावट दर्ज की है और यह अनुपात अब सबसे निचले स्तर पर है.
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के उपलब्ध कराए गए FY22 के पहले पांच महीनों के आंकड़ों के आधार पर सालाना बिक्री का अनुमान लगाया गया है. सालाना आधार (YoY) पर इसके 21 फीसदी कम रहने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2011 के बाद सबसे कम होगी. केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘कोविड-19 लॉकडाउन ने गरीबों और सर्विस इंडस्ट्री में कम आय वाले लोगों को व्हाइट कॉलर जॉब में उच्च आय अर्जित करने वालों की तुलना में बहुत ज्यादा प्रभावित किया है. इससे देश में अधिकांश कामकाजी लोगों के परिवहन के प्रमुख साधन मोटरसाइकिल और स्कूटर की मांग बुरी तरह प्रभावित हुई है.
इसके विपरीत, पैसेंजर व्हीकल (पीवी) की सेल्स FY20 और FY21 में डिमांड कॉन्ट्रेक्शन के बाद बॉटम आउट हो गई है. पीवी की घरेलू बिक्री वार्षिक आधार पर (अप्रैल-अगस्त 2021 के आंकड़ों के आधार पर) 1.2 प्रतिशत ऊपर थी. हालांकि, FY19 के स्तर से वॉल्यूम अभी भी लगभग 19 फीसदी कम है. ऑटोमेकर्स ने अप्रैल-अगस्त 2021 की अवधि में यात्री वाहनों की 1.14 मिलियन यूनिट बेचीं. इसके आधार पर FY22 में लगभग 2.74 मिलियन की यात्री वाहनों की बिक्री का अनुमान लगाया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में यह 2.71 मिलियन थी.
दोपहिया और यात्री कारों की बिक्री का अनुपात FY22 के पहले पांच महीनों में घटकर 4.4X हो गया, जो FY20 (एक सामान्य वर्ष) में 6.3X था. विश्लेषकों का कहना है कि दोपहिया वाहनों की बिक्री में तेज गिरावट से कारों की बिक्री पर भी असर पड़ सकता है क्योंकि अधिकांश दोपहिया उपयोगकर्ता चौपहिया वाहनों में खुद को अपग्रेड करते हैं. नारनोलिया सिक्योरिटीज के शैलेंद्र कुमार ने कहा, ‘भारत में ऑटो स्वामित्व काफी हद तक मोटरसाइकिल या स्कूटर से शुरू होता है, और फिर लोग एंट्री-लेवल कारों और अंततः एसयूवी में अपग्रेड हो जाते हैं क्योंकि उनकी आय बढ़ती है. इसलिए, दोपहिया वाहनों की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट फोर व्हीलर इंडस्ट्री के ग्रोथ पोटेंशियल के लिए अच्छा नहीं है.
दोपहिया वाहन निर्माता, जैसे हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर्स, और होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर्स इंडिया (एचएमएसआई) ने मिलकर अप्रैल-अगस्त 2021 की अवधि के दौरान घरेलू बाजार में 5 मिलियन से कम यूनिट्स की बिक्री की. इससे लगभग 11.97 मिलियन यूनिट की वार्षिक बिक्री का अनुमान है. यह FY19 में इंडस्ट्री की 21.2 मिलियन यूनिट की घरेलू बिक्री के उच्चतम स्तर से लगभग 44 प्रतिशत कम होगा. FY22 की दूसरी छमाही में मांग के रुझान में बदलाव होने पर FY22 में कुल बिक्री अधिक या कम हो सकती है. दोपहिया वाहन निर्माताओं ने FY21 में घरेलू बाजार में 15.1 मिलियन यूनिट्स की बिक्री की थी, जो FY20 में 17.4 मिलियन से 13.3 प्रतिशत कम थी.
सियाम ने FY95 से बिक्री के आंकड़ों की रिपोर्टिंग शुरू की थी. तब से लेकर अब तक दोपहिया वाहनों की बिक्री में मौजूदा गिरावट इंडस्ट्री के लिए सबसे लंबा सूखा है. उदाहरण के लिए, 2008 के लेहमन क्राइसिस के बाद FY08 में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 7.9 फीसदी की गिरावट आई थी, लेकिन अगले साल से ही बिक्री में तेजी आई. इससे पहले FY98 में बिक्री में मामूली 1.6 फीसदी की गिरावट आई थी. विश्लेषकों को डर है कि इस बार इंडस्ट्री को सेल्स वॉल्यूम में हुए नुकसान की भरपाई करने में कई वर्षों का समय लग सकता है. बिक्री के मौजूदा स्तर पर, FY19 में हासिल किए गए सेल्स वॉल्यूम तक पहुंचने के लिए इसे वॉल्यूम में 77% की छलांग की आवश्यकता होगी.
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