The Tribunals Reforms Bill 2021: संसद के मॉनसून सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने ट्रिब्यूनल में सुधार से संबंधित ट्रिब्यूनल रिफार्म्स बिल 2021 (The Tribunals Reforms Bill 2021) को पेश किया है. इस बिल के माध्यम से विभिन्न ट्रिब्यूनल की व्यवस्था को समाप्त कर न्याय प्रणाली को सरल और व्यावहारिक बनाने की तैयारी की जा रही है. तो चलिए विस्तार से समझते हैं कि यह बिल क्या है? और इसके कानून में तब्दील होने से क्या कुछ बदलाव होंगे?
क्या है ट्रिब्यूनल?
सबसे पहले समझते हैं कि आखिर ट्रिब्यूनल क्या है? आसान शब्दों में समझें तो ट्रिब्यूनल कानून द्वारा स्थापित न्यायिक और अर्ध-न्यायिक संस्थान होते हैं, जिन्हें कुछ खास विषयों के मामले देखने के लिए बनाया जाता है. ट्रिब्यूनल में सुनवाई तेज होती है और फैसले भी जल्दी लिए जाते हैं.
कौन कर सकता है ट्रिब्यूनल का गठन
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन्हें बनाने का अधिकार किसके पास होता है? दरअसल, 1976 में भारतीय संविधान में 42वें संशोधन के जरिए अनुच्छेद 323ए और 323बी जोड़ा गया था. अनुच्छेद 323ए के अंतर्गत संसद को सरकारी ऑफिसर की भर्ती और सेवा शर्तों से संबंधित मामलों में फैसला लेने के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव यानि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के गठन का अधिकार दिया गया था. ये ट्रिब्यूनल केंद्र और राज्य दोनों स्तरों के लिए हो सकते हैं. वहीं अगर बात करें अनुच्छेद 323बी की तो इसमें कुछ विषय जैसे टैक्स और भूमि सुधार शामिल किए गए थे, जिनके लिए संसद या राज्यों की विधानसभा कानून बनाकर ट्रिब्यूनल का गठन कर सकती हैं.
लोगों को जल्द मिल सकेगा न्याय
बता दें, इसके आ जाने (Tribunals Reforms Bill 2021) से लोगों को जल्द न्याय मिल सकेगा. लोगों की सहूलियत के लिए 9 ट्रिब्यूनल को बंद किया जा रहा है. जो मामलें इन ट्रिब्यूनल्स में चल रहे हैं वह या तो वाणिज्यिक न्यायालय में या फिर सीधे उच्च न्यायालय में ट्रांसफर किए जाएंगे.
इसमें सिनेमैटोग्राफी एक्ट, कॉपीराइट एक्ट, कस्टम एक्ट, पेटेंट एक्ट, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण कानून, ट्रेडमार्क एक्ट, ज्योग्राफिकल इंडिकेशन ऑफ गुड्स एक्ट, पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार संरक्षण एक्ट, और राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि और यातायात) एक्ट शामिल होंगे.
लोकसभा में 3 अगस्त को ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स बिल, 2021 को मंजूरी मिल चुकी है. 9 अगस्त को यह राज्यसभा से भी पास हो चुका है.
ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति कैसे होगी?
इसके अलावा, विधेयक में कुछ और बदलावों की भी बात कही गई है. अलग-अलग ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष और सदस्यों को सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी की रेकमेंडेशन यानि सिफारिशों पर नियुक्त किया जाएगा.
इसमें सदस्यों की योग्यता का भी विवरण दिया गया है. इसके अनुसार, सेंट्रल ट्रिब्यूनल्स की सिलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा कोई नामित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश ही हो सकते हैं.
अध्यक्ष के अलावा केंद्र सरकार द्वारा नामित दो सचिव भी बतौर सदस्य रहेंगे. इनके साथ, वर्तमान अध्यक्ष या सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश और उस मंत्रालय के सचिव भी कमेटी का हिस्सा हो सकेंगे.
बिल (Tribunals Reforms Bill 2021) में ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल चार साल ही तय किया गया है. ट्रिब्यूनल सदस्यों के चुनाव करने वाली इन समितियों की सिफारिशों पर केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर निर्णय लेना होगा.
वहीं, अगर राज्य के ट्रिब्यूनल्स की बात करें तो इनके लिए भी अलग सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटियां होंगी. इन कमेटियों में अध्यक्ष के तौर पर राज्य के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे. राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, ट्रिब्यूनल के आउटगोइंग अध्यक्ष या उच्च न्यायालय के रिटायर्ड जज, और राज्य के जनरल एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्टमेंट के सचिव या प्रमुख सचिव कमेटी का हिस्सा होंगे.
क्यों किया गया बिल पेश?
इससे पहले 2015 में समान कार्यों के आधार पर फाइनेंस एक्ट, 2017 के आ जाने से 7 ट्रिब्यूनल को या तो बंद कर दिया गया था या फिर उनका विलय कर दिया गया था. उस साल ट्रिब्यूनल की कुल संख्या 26 से घटाकर 19 कर दी गई थी.
सरकार द्वारा इस विधेयक में इस बार कहा गया है कि पिछले तीन सालों के आंकड़ों से पता चलता है कि अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रिब्यूनल्स ने तेजी से न्याय प्रदान नहीं किया.
कई क्षेत्रों में ट्रिब्यूनल ने समय पर काम नहीं निपटाया जबकि वो सरकारी पैसे का बड़ा इस्तेमाल कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई निर्णयों में इन ट्रिब्यूनल्स से सीधे शीर्ष अदालत में अपील दायर करने की प्रथा को भी खारिज कर दिया था.
वर्तमान में ट्रिब्यूनल्स को सुव्यवस्थित करना बेहद जरूरी है, इससे आ जाने से जहां एक ओर राजकोष के लिए खर्च बचेगा, वहीं दूसरी ओर आम जनता को न्याय भी जल्द मिल सकेगा.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।