सितंबर में दूरसंचार उद्योग को राहत पैकेज देने के बाद सरकार ने अब 5जी (5G) की शुरुआत करने, नए स्पेक्ट्रम बैंड लाने और मूल्य निर्धारण पर नए सिरे से विचार करने के उद्देश्य से काम शुरू कर दिया है. इसके लिए नियामक ट्राई ने 207 पन्नों का एक परामर्श पत्र जारी कर उद्योगों से उनकी राय मांगी है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार ट्राई ने अपने बयान में कहा कि दूरसंचार विभाग ने उससे लागू होने वाले आरक्षित मूल्य, बैंड योजना, ब्लॉक के आकार, नीलामी के लिए स्पेक्ट्रम की मात्रा और 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज और 3300-3670 मेगाहर्ट्ज जैसे बैंड के अलावा 526-698 मेगाहर्ट्ज और मिलीमीटर बैंड, यानी 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए संबंधित शर्तों जैसे मुद्दों पर सिफारिशें देने को कहा है.
77,800 करोड़ की लगाई थी बोली
जानकारी के मुताबिक, इस साल मार्च में हुई स्पेक्ट्रम नीलामी के अंतिम दौर में 855.6 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए 77,800 करोड़ रुपये से अधिक की बोली लगाई गई थी, लेकिन बिक्री पर कुल एयरवेव्स का लगभग 63% बिके बिना ही रह गया. ट्राई ने कहा कि स्पेक्ट्रम के मूल्यांकन पर काम करते समय सितंबर के सुधार पैकेज में घोषित प्रावधानों को भी ध्यान में रखा जाएगा, जिसमें बैंक गारंटी के युक्तिकरण और स्पेक्ट्रम के 30 साल के कार्यकाल से संबंधित प्रावधान शामिल हैं.
क्या बोले दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव?
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, उन्हें उम्मीद हैं कि ट्राई अगले साल मार्च तक अपनी अंतिम सिफारिशों के साथ आ जाएगा, जिसके बाद अप्रैल-मई के आस-पास नीलामी की जा सकती है. गौरतलब है कि इसके पूर्व मार्च 2021 में स्पेक्ट्रम नीलामी के समय सरकार ने सात बैंड में 2308.80 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की थी, जिसका आरक्षित मूल्य 4 लाख करोड़ रुपये था.