भारतीय रेलवे ने एयरक्राफ्ट जैसे फीचर के साथ ज्यादा क्षमता वाले नए थ्री टियर इकोनॉमी कोच को लॉन्च किया है. उम्मीद है यह रेलवे को सहारा देने के साथ ही पैसेंजर की संख्या और वित्तीय आंकड़ों को बढ़ाने का काम भी करेगा. हमारे देश में यात्रा को टूरिज्म के रूप में अपनाया जाना चाहिए न कि शादी और किसी सामाजिक कार्यक्रम के लिए. ट्रांसपोर्ट (Transport) के सभी साधनों रेल, रोड, एयर या फिर वाटर ट्रांसपोर्ट (Transport) में विकास की अपार संभावनाएं हैं.
जब देश में कोरोना नहीं था उस समय में ट्रेन और फ्लाइट में कंफर्म बुकिंग मिलना बहुत ही मुश्किल होता था. एयर ट्रैफिक का भी कुछ ऐसा ही हाल है. ट्रेन में मिलने वाली लंबी वेटिंग लिस्ट इस बात की ओर इशारा करती है कि देश में और ज्यादा ट्रेन चलाने या फिर उनकी फ्रीक्वेंसी बढ़ाने की जरूरत है.
‘उड़ान योजना’ शुरू होने के साथ ही अब फ्लाइट्स छोटे शहरों और कस्बों में उड़ान भर रही हैं, जहां एक समय केवल हवाई पट्टी ही हुआ करती थी, अब वहां हवाई अड्डे के साथ ही कई सुविधाएं भी मौजूद हैं. सरकार को अपनी ओर से ट्रांसपोर्ट के सभी साधनों को बिना भेदभाव के प्रोत्साहित करना चाहिए. यह बढ़ावा किसी क्षेत्र विशेष के बजाय सभी के लिए होना चाहिए.
ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए, नए पैकेज यात्रियों के लिए लाने चाहिए. इसी के साथ उन टूरिस्ट स्पॉट के साथ भी कनेक्टिविटी बनानी चाहिए जहां टूरिज्म की संभावना हो पर ट्रैफिक कम रिकॉर्ड होता हो. इसके अलावा इन क्षेत्रों को बुनियादी ढांचे के विस्तार करने के साथ ही यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में निवेश करना चाहिए.
यात्रियों को सहज महसूस कराने के लिए स्टेशनों को एक नया रूप देने के साथ ही विनम्र कर्मचारी की भी जरूरत है जो यात्रियों को बेहतर महसूस कराने में मदद करेंगे. ट्रैवल एक ऐसा सेक्टर है जो कई गुना बढ़ सकता है. साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार भी काफी ज्यादा पैदा किया जा सकता है. महामारी के बीच भी इसे सभी आवश्यक सावधानियों के साथ प्रोत्साहित करने की जरूरत है.