खाद्य तेल की कीमत जल्द ही कम होने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार ने पाम ऑयल, सोया और सूरजमुखी के तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की है. वहीं सरकार ने खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए देश में पाम ऑयल का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में पहल की है. इम्पोर्ट ड्यूटी को कम करने के साथ पामोलीन के इंपोर्ट पर लगे बैन को भी खत्म किया गया है. खाद्य तेलों की लगातार बढ़ रही कीमत से उपभोक्ताओं निजात दिलाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है.
सरकार ने की इंपोर्ट ड्यूटी में 5.5 प्रतिशत तक की कमी
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को देर रात जारी एक अधिसूचना में कहा कि सरकार ने रिटेल फूड ऑयल की कीमतों में कमी लाने के लिए पाम, सोया और सूरजमुखी के इंपोर्ट ड्यूटी में 5.5 प्रतिशत तक की कमी की है. इस कमी की वजह से बीते सप्ताह खाद्य तेल की कीमतों में कुछ कमी आई है. वहीं आगे भी तेल की कीमत में कुछ कमी की उम्मीद की जा सकती है.
इंपोर्ट ड्यूटी को दिसंबर तक के लिए कम करे सरकार
बाजार के जानकारों का मानना है कि पिछले दिनों भी आयात शुल्क में कमी की गई थी लेकिन फिर भी बढ़ती कीमतें काबू में नहीं आई. उनकी कहना है कि आयात शुल्क में यह कमी सितंबर महीने के लिए है, जिसे कम से कम से कम दिसंबर तक कम किया जाना चाहिए. सूत्रों ने कहा कि सरकार ने पामोलीन आयात के लिए 31 दिसंबर तक की छूट दी है जो कहीं बेहतर कदम है. उन्होंने कहा कि मलेशिया या इंडोनेशिया से सीपीओ पामोलीन के आने में लगभग 7-10 दिन लग जाते हैं. वहीं ब्राजील या अर्जेंटीना से सोयाबीन के आने में लगभग 40-45 दिन का समय लगता है. इसके लिए भी दिसंबर महीने के अंत तक की छूट होनी चाहिए थी. इससे इंपोर्टर निश्चिंतता के साथ इंपोर्ट कर पाएंगें और तेलों के भाव में कमी आ जाएगी.