2023 में पूरे साल निर्यात क्षेत्र की ओर से मायूसी भरी खबरें आती रहीं हैं. लेकिन नए साल पर इस क्षेत्र से अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है. विकसित देशों में महंगाई घटने, ब्याज दरों में नरमी, वैश्विक मांग में धीरे-धीरे सुधार जैसे कारकों की वजह से नया साल देश के निर्यात के लिए अच्छा रहने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि 2024 में देश का कुल निर्यात (वस्तुओं और सेवाएं) 900 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है.
अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि भारत के सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन वस्तु निर्यात की तुलना में बेहतर रहेगा. देश का कुल निर्यात 2024 में 900 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है. इसके 2023 में 764 अरब डॉलर रहने का अनुमान है.
यहां से मिल सकते हैं मौके
माना जा रहा है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिरता से निर्यात को मदद मिलेगी. इसके अलावा लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे नए बाजारों पर ध्यान, मोबाइल और ताजा फल जैसी नई वस्तुओं, ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से भी देश को निर्यात के मामले में नए साल में स्वस्थ वृद्धि दर्ज करने में मदद मिलेगी.
चीन की मंदी से भारत को फायदा
भू-राजनीतिक दबाव और महामारी के बाद चीन के धीमे पुनरुद्धार सहित विभिन्न चुनौतियों के कारण इस वर्ष निर्यात पर असर पड़ने के बावजूद भारत के वस्तुओं और सेवाओं के निर्यातकों ने विकसित के साथ विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में अवसरों का लाभ उठाया।
नुकसान भरा रहा 2023
चालू वर्ष की शुरुआत निर्यात में गिरावट के साथ हुई. जून में निर्यात में 19 प्रतिशत की गिरावट आई. हालांकि, नवंबर, 2023 में निर्यात में गिरावट कम होकर 2.83 प्रतिशत रह गई. एक अधिकारी ने बताया कि वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत बढ़ा है और यह रुख 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है. अधिकारी ने कहा कि 2024 में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, वाहन और वाहन कलपुर्जों, उच्च प्रौद्योगिकी वाले उत्पाद, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा और नैदानिक उपकरणों का निर्यात 2024 में और आगे बढ़ने की संभावना है.
नए क्षेत्र तलाशें निर्यातक
विशेषज्ञों ने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए उत्पादों और नए गंतव्यों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत का 2024 में व्यापार के मोर्चे पर प्रदर्शन कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों पर निर्भर करेगा. चूंकि विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ दो प्रतिशत है, इसलिए श्रम गहन क्षेत्रों में क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने और सेवा क्षेत्र में विविधता के जरिये हम निर्यात के मोर्चे पर कुछ हैरान करने वाला प्रदर्शन कर सकते हैं.’’
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।