Tax On Blockchain: देश में नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) को व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है, वहीं सरकार फिर से ब्लॉकचेन प्रणाली पर कर लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. इस प्रणाली में क्रिप्टोकरेंसी और ऐसे डिजिटल टोकन शामिल हैं. एक अधिकारी ने कहा कि एनएफटी का उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है, मशहूर हस्तियां उसका समर्थन और प्रचार भी कर रहीं हैं. वहीं अब देखा जाए तो एनएफटी व्यावसायिक बन गए हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार अधिकारी ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश भी हाल ही में बढ़ा है इसलिए अब उन पर कर लगाने की जरूरत है.
कर विभाग चाहता है कि सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए कानून बनाने से पहले व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए ब्लॉकचेन के उपयोग पर कर लगाने के लिए नियम लागू किया जाए. इसको लेकर एक विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लगभग 6 ट्रिलियन बढ़ा
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लगभग 6 ट्रिलियन बढ़ा है. वहीं एनएफटी का समर्थन या प्रचार अमिताभ बच्चन और सलमान खान जैसे बॉलीवुड अभिनेताओं द्वारा किया जा रहा है.
अभिनेता और राजनेता कमल हसन मेटावर्स में अपना खुद का डिजिटल अवतार लॉन्च करने वाले पहले भारतीय सेलिब्रिटी बनने जा रहें हैं.
सरकार अलग से ऐसे कानून पर काम कर रही है जो एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा शुरू करने के लिए एक “सुविधात्मक ढांचा” बन पाएगा. यह मुद्रा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पेश करेगा.
सरकार क्या उठा सकती है कदम ?
एक अधिकारी ने कहा, इस समय वर्चुअल करेंसी और एनएफटी को विनियमित नहीं किया जाता है, तब भी उनका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इससे केंद्र सरकार को राजस्व में घाटा हो रहा है.
अधिकारी ने हाल ही में वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के तहत आने वाले टैक्स रिसर्च यूनिट द्वारा विचार किए जा रहे एक प्रतिनिधित्व का हवाला देते हुए कहा कि 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर कर लगाने की इसी तरह की योजना पर विचार किया गया था.
उस समय वर्चुअल करेंसी में व्यापार फलने-फूलने लगा था. अधिकारी ने कहा कि अगर सरकार ऐसी संपत्तियों पर प्रतिबंध लगाने या उन्हें विनियमित करने का फैसला करती है तो ब्लॉकचेन पर कर लगाने का नियम बना रहेगा.
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