Tax Collection: महामारी की दूसरी लहर के बावजूद भारत में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उछाल है और इस उछाल में कॉर्पोरेट इनकम टैक्स का खास योगदान है. मनी9 को प्राप्त हुए डेटा के अनुसार, देश भर में कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में एक बेहतरीन उछाल दर्ज किया गया. डेटा 1 अप्रैल से 31 जुलाई, 2021 के बीच की अवधि के लिए है, जिसका एक बड़ा हिस्सा महामारी और स्टेट-स्पेसिफिक लॉकडाउन की चपेट में था. जबकि इस अवधि के दौरान ऑल-इंडिया कलेक्शन का आंकड़ा 1.44 लाख करोड़ रुपये रहा, मुंबई सर्कल लगभग 50,972.4 करोड़ रुपये के कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन के साथ चार्ट में सबसे टॉप पर था. केवल 161.7 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ गुवाहाटी सर्कल में सबसे नीचे रहा. दूसरे शब्दों में कहें तो, मुंबई का कलेक्शन गुवाहाटी सर्कल के मुकाबले 315 गुना ज्यादा था.
देश को 18 सर्किलों में बांटा गया है, जिनमें हर सर्किल को इनकम टैक्स के चीफ कमिश्नर लीड करते हैं. पहले चार महीनों में कुल कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 1.44 लाख करोड़ रुपये और पर्सनल टैक्स कलेक्शन 1.53 लाख करोड़ रुपये रहा.
यदि हम CCIT (चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स) के अनुसार कलेक्शन देखें, तो यह साफ है कि मुंबई का कलेक्शन पैन इंडिया के आंकड़े का 35.28% है.
मुंबई के बाद, दिल्ली 19,191.4 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जो पूरे देश के कलेक्शन का 13.28% है.
तीसरे स्थान पर बेंगलुरु ने कब्जा किया जिसने चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के लिए 17,565.5 करोड़ रुपये, या देश के कुल कॉर्पोरेट टैक्स रेवेन्यू का 12.16% कलेक्ट किया.
इन तीनों CCIT ने लगभग 88,000 करोड़ रुपये या कुल कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन का 61% से ज्यादा कलेक्ट किया. बाकी 15 CCIT ने पहले चार महीनों में लगभग 56,000 करोड़ रुपये कलेक्ट किए.
15 CCIT में से 12 CCIT ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का कलेक्शन किया. चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में चेन्नई ने 9,216 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्ट किया, इसके बाद हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद का स्थान रहा.
हैदराबाद ने 8,300 करोड़ रुपये, पुणे ने 7,130 करोड़ रुपये और अहमदाबाद ने इसी अवधि में 6,845 करोड़ रुपये कलेक्ट किए. चंडीगढ़ 6,334 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ अहमदाबाद से पीछे रहा.
CCIT कोलकाता ने 5,500 करोड़ रुपये का अमाउंट कलेक्ट किया, उसके बाद कानपुर और भोपाल CCIT का स्थान रहा. कानपुर ने क्रमश: 3,166 करोड़ रुपये और भोपाल ने 2,434 करोड़ रुपये कलेक्ट किए हैं.
इसके बाद जयपुर, भुवनेश्वर, पटना और कोच्चि का स्थान रहा जिन्होंने क्रमशः 2,150 करोड़ रुपये, 1,880 करोड़ रुपये, 1,093 करोड़ रुपये और 1,082 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया.
CCIT लखनऊ, नागपुर और गुवाहाटी ने पहले चार महीनों में कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन टेबल के अंतिम तीन स्लॉट पर कब्जा किया.
लखनऊ में कलेक्शन का आंकड़ा 827 करोड़ रुपये था, नागपुर में 612 करोड़ रुपये और गुवाहाटी का आंकड़ा केवल 161.70 करोड़ रुपये था, जो देश के कुल कलेक्शन का 0.11% है.
लास्ट की तीनों CCIT का क्युमुलेटिव कलेक्शन 1,600 करोड़ रुपये रहा, जो मुंबई कलेक्शन के 3% से भी कम है.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कॉरपोरेट सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन किया. अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अपनी हालिया रिपोर्ट में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, “इस साल अप्रैल-जून में खर्च की तुलना में बिक्री में तेजी के साथ, ऑपरेटिंग और नेट प्रॉफिट दोनों में 100% से अधिक की वृद्धि हुई और इनफेक्ट, नेट प्रॉफिट में लगभग 250% की वृद्धि हुई. इस तिमाही में महामारी की शुरुआत के बाद से क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड में सबसे तेज वृद्धि देखी गई”
RBI का ये ऑब्जरवेशन 1,427 लिस्टेड नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों के रिजल्ट पर आधारित था, जिन्होंने अपनी अर्निंग डिक्लेयर की. इन कॉरपोरेट्स का अकाउंट देश में सभी लिस्टेड नॉन-फाइनेंशियल कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन का 86.8% हिस्सा है.
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