जहां कोरोना महामारी की लंबी लड़ाई के बाद व्यापार फिर से पटरी पर लौट रहा है. वहीं सरकार की अलग-अलग घोषणाएं व्यापारियों का उत्साह बढ़ा रही हैं लेकिन अभी भी देश में व्यापार करना आसान नहीं है और जमीनी स्तर पर यह परेशानियां काफी हैं. यह खुलासा भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने एक सर्वे रिपोर्ट में किया है जिसके अनुसार कारोबार की कठिनाईयां जमीनी स्तर पर काफी ज्यादा हैं.
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि जमीनी स्तर पर कारोबार को लेकर सरलता काफी मुश्किल है. साथ ही कारोबार करने के लिए बड़ा इन्वेस्टमेंट निजी क्षेत्र को काफी प्रभावित कर रहा है. सर्वे के दौरान संघ ने कई कंपनियों के सीईओ और अन्य शीर्ष अधिकारियों से सवाल जवाब करते हुए यह निष्कर्ष निकाला है.
सरकारी घोषणाओं से मिला उत्साह
रिपोर्ट के अनुसार व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार समर्थित योजनाएं और पहल ने निजी क्षेत्र का उत्साह काफी बढ़ाया है. इससे साल 2021-22 के वित्तीय वर्ष में कॉरपोरेट जगत की परफॉर्मेंस पर महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद भी की जा रही है. इसके बावजूद जमीनी स्तर पर कारोबार के लिए आसान राहें मुश्किल दिखाई पड़ रही हैं.
51 फीसदी CEO ने दिया एक जैसा जवाब
CII ने एक बयान में कहा, निजी क्षेत्र पर पड़ रहे प्रभावों से संबंधित सवाल के जवाब में 51 फीसदी मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) ने संकेत दिया है कि जमीनी स्तर पर अभी भी व्यापार करने में परेशानी है. वहीं 32 फीसदी CEO का मानना था कि व्यवसाय करने के लिए बड़ी रकम या फिर लागत लागत भी कारोबार को प्रभावित कर रही है. इनके अलावा एक-तिहाई CEO ने स्वीकार किया है कि उनकी मौजूदा क्षमता अभी मांग से अधिक है.
महामारी के बाद भी 10 फीसदी बढ़ा व्यापार
सर्वेक्षण में शामिल 117 सीईओ में से लगभग 46 फीसदी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उनकी कंपनी का राजस्व महामारी से पहले के वर्ष 2019-20 की पहली छमाही की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ेगा.