भारतीय स्टेट बैंक(SBI) के आर्थिक शोध विभाग ने चेताया है कि वित्त वर्ष 2022 में राज्यों के राजस्व (revenue) में गिरावट आ सकती है. विभाग ने 9 जुलाई को इस संबंध में रिपोर्ट जारी की. हालांकि, रिपोर्ट का यह भी कहना है कि यदि राज्य 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों को मानते हुए, पावर सेक्टर और स्थानीय निकायों में जरूरी सुधार करते हैं, तो वे संभावित राजस्व (revenue) कमी से निपट सकते हैं.
SBI Ecowrap के मुताबिक, “वित्त वर्ष 2022 के बजट अनुमानों की तुलना में राज्य 1.05 लाख करोड़ की राजस्व गिरावट का सामना कर सकते हैं. लेकिन ये सुधारों को लागू करते हैं तो 1.77 लाख करोड़ रुपए उनके लिए उपलब्ध हो सकता है.”
Ecowrap के अनुसार 2021-22 में GST कलेक्शन Rs 7.59 लाख करोड़ रुपए अनुमानित है जबकि बजट अनुमान 7.98 लाख करोड़ रूपए का है. इससे 40 हजार करोड़ रुपए की कमी का पता चलता है. इसके अलावा, 2021-22 में राज्यों के ऑयल एक्साइज में 53 हजार से 65 हजार करोड़ की कमी आ सकती है.
मई 2020 में, आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने GSDP का 0.5 फीसदी हिस्सा आरबीआई से बतौर कर्ज लेने की इजाजत दे दी, ताकि वे पावर सेक्टर रिफार्म को पूरा कर सकें. लेकिन पिछले साल केवल 13 राज्यों से रिफार्म लागू किए. केंद्र ने एक बार फिर इसी तरह का ऑफर दिया है, जिसके तहत राज्य आरबीआई से 1.1 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त कर्ज ले सकते हैं.
15वें वित्त आयोग ने कुल ट्रांसफर में से अनुदान राशि के अनुपात को 11.97 फीसदी से बढ़ाकर 19.65 फीसदी करने की सिफारिश की थी, जिसे केंद्र ने मान लिया. लेकिन इसके लिए उसने राज्यों पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं. इनमें एक बड़ी शर्त यह है कि राज्यों को अपने स्थानीय निकायों के प्रोविजनल और ऑडिटेड अकाउंट को सार्वजनिक करते हुए ऑनलाइन करना होगा. पावर सेक्टर सुधारों के तहत, राज्यों को 250 मिलियन स्मार्ट मीटर, 10 हजार फीडर और 4 लाख किलोमीटर लो-टेंशन पावर ट्रांसमिशन लाइन स्थापित करने को कहा गया है.