सोयाबीन के तेल (Edible Oil) का उपयोग करने वाले लोगों के लिए एक बुरी खबर है. उन्हें अब तेल लेने के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. विदेशी बाजारों में तेजी के चलते तेल-तिलहन मंडियों में सरसों की आवक घटने और वायदा कारोबार में भाव टूटने से इसके तेल-तिलहन के भाव में गिरावट आई है. इसी के साथ ही सोयाबीन की आवाक कम होने के कारण इसकी कीमत बढ़ गई हैं. एक्सपर्ट्स ने बताया कि शिकॉगो एक्सचेंज में 0.5% और मलेशिया एक्सचेंज में 1% की तेजी आई है जिसके कारण सोयाबीन के बढ़ गए हैं.
लगातर बढ़ रही महंगाई के बीच, अब तक सोयाबीन की कीमत भी मंडियों में करीब 18% तक बढ़ गई है. इसका एक बड़ा कारण माल की कमी होना बताया जा रहा है. दरअसल किसानों और तेल (Oil) व्यापारियों के पास सोयाबीन का स्टॉक बहुत कम बचा है. वहीं अभी सोयाबीन की फसल को भी आने में काफी समय है. इसी के साथ सोयाबीन की ऊंची बोली लगने के कारण मंडियों में इसकी कीमत 23 रुपये ज्यादा हो गई है. ऐसा पहली बार हुआ है जब सोयाबीन के तेल (Oil) की कीमत सरसों से ज्यादा हुई है.
व्यापारी सोयाबीन की कीमतों में आई तेजी से काफी परेशान हैं उनका कहना है कि सोयाबीन के भाव बढ़ने से इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा. लोग महंगाई से वैसे ही परेशान है ऐसे में तेल (Oil) के भाव बढ़ने से उनकी समस्या और बढ़ जाएगी. बढ़ती कीमत के लिए उन्होंने SOPA ने एक्सचेंज को चिट्ठी लिखकर सट्टेबाजी की आशंका जताई है और कीमतों पर नियंत्रण के लिए उचित कदम उठाने की मांग भी की गई है.
• सरसों पक्की घानी- 2,505 -2,555 रुपये प्रति टिन। • सरसों कच्ची घानी- 2,605 – 2,715 रुपये प्रति टिन। • सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,150 रुपये (क्विंटल) • सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,050 रुपये। • सोयाबीन दाना 9,600 – 9,700, सोयाबीन लूज 9,400 – 9,500 रुपये
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