हमारे देश में इस साल अप्रैल-जून तिमाही में रूफटॉप सोलर कैपेसिटी 521 MW रही. 2020 की इसी अवधि में यह 85 MW थी. इसमें 517% की वृद्धि हुई है. जनवरी-मार्च क्वार्टर (341 MW) से इसकी तुलना की जाए तो यह 53% बढ़ी है. रूफटॉप इंस्टालेशन में बड़े पैमाने पर आया यह उछाल बताता है कि उपभोक्ताओं को अहसास है कि सौर ऊर्जा सस्ती है. साथ ही पर्यावरण को इससे किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है. इसी के साथ यह इनकम का सोर्स भी बन सकती है यानी आप अपने घर का बिजली बिल कम करने के साथ ही इससे कमाई भी कर सकते हैं.
ग्रीन मार्केट ट्रैकर मेरकॉम इंडिया ( Mercom India) की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आपका बिजली बिल 3,000 रुपये हर महीने आता है तो 5kW रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित करने से बिल शून्य हो सकता है. यदि आपका मासिक बिल लगभग 1,500 रुपये है तो उस स्थिति में आपको बिजली की खपत के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करना होगा. इतना ही नहीं यदि आप नेट मीटरिंग प्रोसेस के जरिए बिजली को वितरित करके हर महीने 1,800 रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
नेट मीटरिंग कनेक्शन लेना आसान नहीं है. इसकी उपलब्धता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कहां रहते हैं. मेरकॉम की रिपोर्ट में Ztric India के को-फाउंडर और CEO जयंत मेहतर के हवाले से कहा गया है कि सरकारी सब्सिडी के साथ स्थापित 5kW सौर प्रणाली के लिए ब्रेक-ईवन अवधि 2-3 साल के बीच है.
सरकार सोलर सिस्टम पर विभिन्न सब्सिडी प्रदान करती है जैसे कि SRISTI योजना जो शहरी क्षेत्रों में सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन को सब्सिडी देती है. 3 kW तक के सोलर पैनल लगाने के लिए 40% तक की केंद्रीय वित्तीय सहायता दी जाती है. 3 kW से अधिक और 10 kW तक की क्षमता के लिए 20% सब्सिडी मिलती है. ग्रामीण परिवारों के लिए, केंद्र सरकार ने सौभाग्य योजना शुरू की है.
टैक्स बेनिफिट के संदर्भ में, सरकार डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स बेनिफिट देती है. जैसे सेल्स टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और कस्टम ड्यूटी में छूट प्रदान दी जाती है. प्रॉपर्टी डेवलपर्स को प्रोजेक्ट के ऑपरेशन के पहले 10 सालों में प्रोजेक्ट की सभी आय पर टैक्स से छूट दी गई है.
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