रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) को पहले की तुलना में सब्सिडी पर लगभग 3,750 करोड़ या 25% अधिक खर्च करने की जरूरत पड़ सकती है. इसका कारण है कि कंपनी अपने आगामी बजट 4 जी स्मार्टफोन, जियोफोन नेक्स्ट (JioPhone Next )की कीमत लगभग 4,000 रुपये रखने की योजना बना रही है. एनालिस्टों ने सेमीकंडक्टरों की ग्लोबल शॉर्टेज को इसकी वजह बताया है. ग्लोबल शॉर्टेज से सेमीकंडक्टरों की कीमत काफी बढ़ गई है.
एक लीडिंग ब्रोकरेज के एनालिस्ट ने बताया कि हमारा मानना है अगर रिलायंस जियोफोन नेक्स्ट स्मार्टफोन की कीमत 4,000 रुपये के आसपास रखती है और 75 मिलियन यूनिट बेचने की सोचती है, तो प्रति हैंडसेट सब्सिडी एलिमेंट बढ़कर 2,500 रुपये या कुल मिलाकर 18,750 करोड़ रुपये हो सकता है. इसकी वजह है खरीद में देरी और ग्लोबल सेमीकंडक्टर शॉर्टेज. इससे कंपोनेंट प्राइस में लगभग 20% की वृद्धि हुई है, विशेष रूप से मेमोरी और एलटीई (4G) चिपसेट की कीमत काफी ज्यादा बढ़ गई है.
जून में, आईआईएफएल (IIFL) सिक्योरिटीज ने अनुमान लगाया था कि आरआईएल (RIL) को उपभोक्ताओं को 15,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देना पड़ सकती है. यदि वह लगभग 75 मिलियन यूनिट बेचने का लक्ष्य रखती है. ये सब्सिडी 2,000 रुपये प्रति यूनिट के करीब है. RIL की डिजिटल बिजनेस यूनिट, Jio Platforms, ने हाल ही में Google के साथ विकसित JioPhone नेक्स्ट के लॉन्च को 10 सितंबर से दिवाली के आसपास तक टाल दिया है. एनालिस्टों ने कहा कि कंपनी के लिए एक प्रमुख चुनौती यह है कि वह कंपोनेंट सप्लाई चेन को मैनेज कैसे करती है.
एक अन्य एनालिस्ट ने कहा कि यदि चिपसेट की कमी बनी रहती है, तो RIL शुरुआत में दिवाली के आसपास एक टोकन जियोफोन नेक्स्ट लॉन्च कर सकती है. एक बार जब कंपोनेंट की कीमतें स्थिर हो जाएगी और सेमीकंडक्टर आपूर्ति सामान्य हो जाएगी, तो इसे पूरी तरह से लॉन्च किया जा सकता है. गूगल के साथ डेवलप किए जियो नेक्स्ट के जरिए रिलायंस का भारत को 2G मुक्त करने का लक्ष्य है. कंपनी ने जियोफोन नेक्स्ट की संभावित कीमत का अब तक खुलासा नहीं किया है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।