भारत अपने 640 अरब डॉलर के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व (forex reserve) में और सोना डाल रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले 12 महीनों में 75.59 टन सोना खरीदा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इससे देश की गोल्ड होल्डिंग्स (gold holdings) में तेज वृद्धि हुई है.
केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में उसके पास 743.84 मीट्रिक टन सोना हो गया, जो सितंबर 2020 में 668.25 टन था. गोल्ड होल्डिंग्स की कीमत में सालभर पहले के 37.389 अरब डॉलर से केवल 96 करोड़ डॉलर (करीब 7,150 करोड़ रुपये) की वृद्धि हुई है. सोने की कीमतें पिछले साल बढ़त के साथ 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई थीं, जो तब से 48,000 रुपये के स्तर से नीचे जा चुकी हैं.
रिजर्व बैंक की गोल्ड होल्डिंग पिछले दो वर्षों में 125.6 टन बढ़ी है. इसी के साथ भारत देश का नौवां सबसे बड़ा होल्ड रिजर्व होल्डर बन गया है.
RBI की मैनेजमेंट ऑफ फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व रिपोर्ट के मुताबिक, 451.54 मीट्रिक टन सोना विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) में रखा है. बाकी 292.3 टन देश में है.
कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी वैल्यू (USD) के लिहाज से ठीकठाक बढ़ी है. मार्च 2021 के अंत में यह 5.87 प्रतिशत थी, जो सितंबर 2021 के अंत तक 5.88 फीसदी पर रही.
इंटरनेशनल मॉनेटरी सिस्टम में सोने की अब सीधी कोई भूमिका नहीं रह गई है. इसके बावजूद केंद्रीय बैंक और सरकारें गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी करते रहते हैं, ताकि नेशनल वेल्थ सुरक्षित रहे और आर्थिक अस्थिरता न बने.
केंद्रीय बैंक गोल्ड को बढ़ते हुए रेट पर खरीद रहे हैं. गोल्ड स्टैंडर्ड हटाए जाने के बाद से उन्होंने 2018 में इसकी सबसे अधिक खरीदारी की. सेंट्रल बैंक पिछले 11 वर्षों से इसकी सबसे अधिक खरीदारी करने वाले बने हुए हैं.