गुजरे कई वर्षों में इंसानों की दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी सबसे ज्यादा कयासबाजी वाला निवेश साबित हुआ है. हालांकि, कयासबाजी को लेकर इंसानी फितरत डच ट्यूलिप मैनिया से लेकर डॉटकॉम बबल तक सदियों से मौजूद है, लेकिन जितनी हलचल क्रिप्टोकरेंसी ने पैदा की है, वैसी कोई और नहीं कर पाया. पारंपरिक इन्वेस्टर्स क्रिप्टोकरेंसी से अपनी दूरी बनाए हुए हैं. तमाम एक्सपर्ट्स भी इनमें भारी जोखिम की बात कर रहे हैं. जबकि, दूसरी ओर, एलन मस्क ने कहा है कि वे अपनी टेस्ला गाड़ियों के लिए बिटकॉइन में पेमेंट स्वीकार करेंगे.
जून में अल सल्वाडोर दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया जिसने औपचारिक तौर पर बिटकॉइन को एक वैध करेंसी के तौर पर मान्यता दी है. सिंगापुर, चीन, इक्वेडोर सेनेगल और ट्यूनीशिया ने भी अपनी क्रिप्टोकरेंसी जारी की हैं. एक तरफ अलग-अलग सरकारों ने क्रिप्टोकरेंसी को वैधता दी है, वहीं हालिया वक्त में इनमें भारी उतार-चढ़ाव भी देखा गया है.
इस अहम मौके पर रिजर्व बैंक (RBI) ने ऐलान किया है कि वह अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला है. ये कदम स्वागतयोग्य है क्योंकि इससे भारतीय निवेशकों को बड़ी सहूलियत होगी. क्रिप्टोकरेंसी के इन्वेस्टर्स को बेहद अनिश्चितता से गुजरना पड़ा है क्योंकि ये पूरी तरह से अनरेगुलेटेड एसेट क्लास है.
डिजिटल करेंसी निश्चित तौर पर सॉवरेन होगी और ये करेंसी बास्केट को और डायवर्सिफाई बनाएगी. उतार-चढ़ाव वाले माहौल में आधिकारिक डिजिटल करेंसी काफी स्थिरता पैदा कर सकती है क्योंकि इस पर सरकारी मुहर होगी.
ये उम्मीद की जा सकती है कि आधिकारिक करेंसी क्रिप्टो स्पेस में बहुप्रतीक्षित कानूनों को लाने में भी मददगार साबित होगी. इससे इन्वेस्टर्स के मन में बनी हुई शंकाएं दूर होंगी. खासतौर पर युवा इसमें पैसा लगाना चाहते हैं, लेकिन रेगुलेशन न होने की वजह से उनके मन में इसे लेकर डर है. आधिकारिक डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी के साथ चल सकती है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।