नाबार्ड के अध्यक्ष जीआर चिंताला ने सोमवार को कहा कि किसानों के उत्पादक संगठन (FPO) भारत में बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं जो उन्हें (किसानों को) एक अच्छी कीमत प्राप्त करने में बहुत मदद करेंगे. बीसीसीआई द्वारा आयोजित एक वेबिनार में चिंताला ने कहा कि एफपीओ भारतीय खेती में नया प्रतिमान है. आज देश में लगभग 10,000 एफपीओ हैं, जिनमें से 5000 को नाबार्ड ने बढ़ावा दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि एफपीओ से जुड़े किसानों को 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक अतिरिक्त लाभ मिलता है. किसानों को कम कीमत पर लागत सामग्रियां मिल रही है और बिक्री के लिए अधिक मूल्य की प्राप्ति हो रही है.’’ चिंताला ने कहा कि नाबार्ड द्वारा प्रवर्तित 5000 एफपीओ में से 2500 निवेश ग्रेड में चले गए हैं.
नाबार्ड के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इन निवेश ग्रेड एफपीओ को बैंकिंग प्रणाली और नवकिसान फाइनेंस से पैसा मिल रहा है.’’ उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ ने दाल जैसे तैयार उत्पाद बनाकर मूल्यवर्धन भी शुरू कर दिया है. इन तैयार उत्पादों को अब बड़े खुदरा विक्रेताओं द्वारा खरीदा जा रहा है.
नाबार्ड प्रमुख ने कहा कि इन संगठनों के बनने से दुग्ध उत्पादन भी बढ़ा है. किसानों द्वारा बाजारों तक पहुंचने कायम करने के संबंध में, उन्होंने कहा कि ये एफपीओ उपज को बिक्री बिंदुओं तक ले जाने के लिए पिकअप वैन की भी व्यवस्था कर रहे हैं.