केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि पंजाब और हरियाणा में इस महीने की 11 तारीख से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जाएगी. उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सभी एजेंसियों से इसके लिए तैयार रहने को कहा है, ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके. मंत्रालय ने कहा है कि इस वर्ष सितम्बर के दूसरे पखवाडे के दौरान पंजाब और हरियाणा में अत्यधिक वर्षा हुई है. बेमौसम की बारिश से दोनों ही राज्यों में धान की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है. इस कारण तापमान में भी कमी रिकार्ड की गई.
मंत्रालय का कहना है कि बेमौसम की वर्षा के कारण धान के दानों के पकने में देरी हुई. पंजाब और हरियाणा की सरकारों से कहा गया है कि वे मंडियों में पहुंचे धान को सुखाने और खलिहान में पडे धान को सुखा कर मंडी पहुंचाने की व्यवस्था करें.
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन समेत आढ़ती एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी है. हरियाणा सरकार एक अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद की घोषणा कर चुकी थी. इसके लिए सभी मंडियों में तैयारियां भी की गई हैं. दूसरी तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि बारिश के कारण अभी तक धान की फसल पूरी तरह पकी नहीं है, इससे फसल में नमी है. यह कारण है कि अब 11 अक्टूबर से धान की एमएसपी पर खरीद शुरू करने का फैसला लिया गया है.
वहीं, हरियाणा के आढ़तियों का कहना है कि मंडियां पहले से ही धान से अटी पड़ी हैं. अगर सरकारी खरीद 11 से हुई तो मंडियां पूरी तरह से भर जाएंगी. ऐसे में जल्द ही एमएसपी पर खरीद शुरू करनी चाहिए.