22 प्रतिशत ही हुआ कामकाज
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में हंगामे और व्यवधान पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मानसून सत्र में अपेक्षाओं के अनुरूप कार्यवाही नहीं रही. निरंतर व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत ही कामकाज हो सका.
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कामकाज का ब्यौरा पेश करते हुए कहा कि सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही में महज 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाए.
पूरा मानसून सत्र रहा हंगामेदार
गौरतलब हो कि पूरे मानसून सत्र में कई मुद्दों को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच सदन में तकरार जारी रही. पेगासस जासूसी कांड, किसान आंदोलन और महंगाई समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार सदन में सरकार से जवाब मांगते रहे.
सरकार ने लगातार कहा कि वह संसद के दोनों सदनों में जनता की भलाई के हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है. लेकिन विपक्ष के लगातार हंगामा और शोर-शराबे के बीच संसद ठप होती रही.