Pandemic: कोविड-19 की वैश्विक महामारी (Pandemic) ने दुनिया में लगभग सभी के जीवन को प्रभावित किया है. लोग व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों मोर्चों पर अप्रत्याशित और अभूतपूर्व स्थितियों का सामना कर रहे हैं.
वर्तमान में भारतीय परिवारों को मुख्य रूप से तीन वजहों से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है- बढ़ती महंगाई, महामारी के बीच इलाज को लेकर परेशानी और आमदनी की अनिश्चितता या नौकरी छूटना.
केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था सुधार के शुरुआती चरण में है, लेकिन भारतीय परिवारों को जिस संकट का सामना करना पड़ रहा है, उसे ये आंकड़े संभवत: प्रदर्शित नहीं कर रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक जून में खुदरा महंगाई में गिरावट आई, लेकिन महंगाई के वास्तविक असर को ये आंकड़े ठीक से पेश करते नहीं दिखते.
कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंध हटाए जाने के बाद, कुछ विकास संकेतकों ने जून में व्यावसायिक गतिविधि में वृद्धि दिखाई. क्रेडिट कार्ड लेनदेन में वृद्धि हुई और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अनुसार मई की तुलना में जून में प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स में 22% की वृद्धि हुई.
इस तरह के आंकड़े ऊपरी तौर पर तो इस बात का संकेत देते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के कारण हुए उलटफेर से लोगों के घर-परिवार अब उबरने लगे हैं, लेकिन हो सकता है कि यह बात पूरी तरह न हो.
अगर हम गहराई में जाकर देखें तो कुछ और ही तस्वीर सामने आ सकती है. व्यवसायों और अर्थव्यवस्था पर महामारी का असर भले ही कम हो रहा हो, पर दूसरी लहर के बाद घरों का संकट गहराया हुआ हो सकता है.
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी लहर के दौरान लोगों द्वारा अपनी जमा राशि निकाले जाने वाले लोगों की संख्या पहली लहर के दौरान की तुलना में लगभग दोगुनी थी. पिछली दो तिमाहियों की तुलना में दिसंबर तिमाही में घरेलू बचत दर में भी गिरावट आई थी.
पिछली दो तिमाहियों में दर 21% और 10% से गिरकर 8.2% (दिसंबर) हो गई और यह जरूरी नहीं कि बचत में यह गिरावट ऐसा सोच-समझ कर किए जाने वाले खर्चों में बढ़ोतरी होने के चलते ही आई हो.
हो सकता है कि लोगों को इस पैसे का इस्तेमाल आपातकालीन खर्चों या महामारी के कारण आय में हुई कमी की कसर को पूरा करने के लिए करना पड़ा हो.
एसबीआई कार्ड्स और पेमेंट्स सर्विसेज द्वारा कार्ड-आधारित लेनदेन का विश्लेषण एक और चिंता बढ़ाने वाला रुझान दिखाता है.
वह यह है कि पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के कारण लोग इन ईंधन की कीमतों के कारण गड़बड़ाए घरेलू बजट में संतुलन लाने के लिए स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में कटौती कर रहे हैं.
यह इस बात की ओर इशारा करता है कि परिवार अपने बढ़े हुए कुल खर्च का बोझ उठाने में असमर्थ हैं और कुछ खास तरह के खर्चों में कटौती कर वह इसको समायोजित कर रहे हैं.
ईंधन के खर्च में भारी वृद्धि भरपाई के लिए परिवार अपने कई तरह के नियमित खर्चों में कटौती कर रहे हैं. एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड के कार्ड खर्च डेटा से पता चलता है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि को समायोजित करने के लिए स्वास्थ्य पर खर्च कम हुआ है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।