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सुस्त विकास दर, घटती डिमांड, तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी और रियल एस्टेट क्राइसिस ने चीन के अर्थव्यवस्था को झकझोर दिया है.
NIPFP का कहना है कि राज्यों में पूंजीगत व्यय वृद्धि मजबूत बना हुआ है. ऐसे में देश की जीडीपी ग्रोथ बेहतर रहने की उम्मीद है
डेलॉयट ने कहा कि देश में मध्यम आय वर्ग की तेज वृद्धि से खरीदने की क्षमता का विकास हुआ है.
चीनी व्यवसायों और परिवारों को खुद से बेहतर टेक्नोलॉजी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है
ब्रेंट वायदा 54 सेंट गिरकर 86.75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है
जानकारों के मुताबिक ग्लोबल स्तर पर चल रही अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के चलते रुपया दबाव में है
जीडीपी ग्रोथ का आकलन दूसरे अग्रिम अनुमान में 7.3 फीसद से बढ़ाकर 7.6 फीसद कर दिया गया है
2024 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी बनी रहेगी और इसकी रफ्तार 6.5 फीसद रहेगी.
श्रमबल में बिना रोजगार वाले लोगों का फीसद यानी बेरोजगारी दर वर्ष 2024 के 4.47 फीसद से घटकर 2028 में 3.68 फीसद रह जाने का अनुमान है.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.51 पर खुला, जो पिछले सत्रों में 83.45 पर था