ग्लोबल स्तर पर भारत के लिए बढ़ते अवसरों और आर्थिक विकास की रफ्तार को देखते हुए चालू वित्त वर्ष देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है. आर्थिक शोध संस्थान राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (NIPFP) का कहना है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 7.1 फीसद रह सकती है. यह जानकारी संस्थान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी.
रिपोर्ट में लिखा गया कि केंद्र करों में उछाल और राजस्व व्यय में कमी के जरिए राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर है. बीते वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र से महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय हस्तांतरण के कारण राज्यों में पूंजीगत व्यय वृद्धि मजबूत बना हुआ है. ऐसे में देश की जीडीपी ग्रोथ बेहतर रहने की उम्मीद है.
बता दें एशियाई विकास बैंक (ADB) और फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था, वहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स और मॉर्गन स्टेनली ने वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी.
डेलॉयट इंडिया ने भी चालू वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक निर्यात में तेजी और कैपिटल फ्लो बढ़ने से भारत तरक्की की राहत पर है. देश में मध्यम आय वर्ग की वृद्धि तेज हुई है, उसकी खरीदने की क्षमता विकसित हुई है. जिसकी वजह से प्रीमियम लक्जरी उत्पादों व सर्विसेज की मांग बढ़ गई है. बता दें डेलॉयट ने इससे पहले, जनवरी में वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 6.9 से 7.2 फीसद तक रहने अनुमान लगाया था.