दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में नया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लगातार घटता जा रहा है. फरवरी के दौरान चीन में सिर्फ 14.1 अरब डॉलर का नया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है जो 2023 की फरवरी में आए निवेश के मुकाबले 27 फीसद कम है. कोरोना के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था सुस्ती की चपेट में आ चुकी है और वहां पर जीडीपी ग्रोथ लगातार सुस्त पड़ रही है. इसके अलावा चीन में गहराते प्रॉपर्टी और बैंकिंग संकट की वजह से अर्थव्यवस्था के लिए खतरा और बढ़ गया है. जिस वजह से कई विदेशी कंपनियां चीन में अपना कारोबार कम कर रही हैं और वहां पर नए निवेश की रफ्तार में गिरावट आई है.
चीन की कैबिनेट ने विदेशी निवेश में मंदी को रोकने के लिए नए कदमों के बारे में बताया. जिसमें बाजार पहुंच का विस्तार और कुछ नियमों में ढील देने की बात कही गई. चीन की सरकार विदेशी कंपनियों को लुभाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. आंकड़ों के मुताबिक 2023 में चीन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश साल-दर-साल 8% कम हो गया है. हालांकि मंत्रालय ने बताया कि पहले दो महीनों में विदेशी निवेश में से 71.44 बिलियन युआन चीन के हाई-टेक उद्योगों में गया. वहीं निर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश साल-दर-साल 43.6% बढ़ा है. थोक और खुदरा उद्योगों में भी निवेश में 14.5% की बढ़ोतरी हुई है.
विदेशी कंपनियों ने चीन के प्रति तब से नाराजगी जताई, जब चीन ने महामारी के दौरान काफी सख्त कोविड प्रतिबंध लागू किए थे और फिर 2022 के आखिर में अचानक उन्हें छोड़ दिया. कारोबारी माहौल पर चिंताओं, अस्थिर आर्थिक सुधार और पश्चिम देश के साथ बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशकों की दिलचस्पी चीन में खत्म हो रही है. टेक्नोलॉजी से लेकर शिक्षा तक के क्षेत्रों पर लंबे समय तक नियामकीय कार्रवाई ने घरेलू और विदेशी निवेशकों को परेशान कर दिया है, जिससे चीन में नीतिगत पारदर्शिता को लेकर समस्या खड़ी कर दी है.