पिछले कुछ समय से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आने वाले समय में इसमें क्या होगा इस पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिए हैं. नवीनतम मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में दास ने कहा कि समय से पहले नीतिगत बदलाव से विकास की गति कमजोर पड़ सकती है, ऐसे में सोझ समझ कर फैसला लेना होगा. इसके अलावा उन्होंने महंगाई दर को 4 फीसद पर लाने पर जोर दिया. हालांकि एमपीसी सदस्य ने दर में कटौती किए जाने की बात कही.
आरबीआई गवर्नर ने बैठक में खाद्य महंगाई दर को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कीमतों में अनिश्चितता के चलते महंगाई दर अस्थिर बनी हुई है. बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने की वजह से महंगाई को लेकर जोखिम पैदा कर सकते हैं.
बैठक में एमपीसी सदस्य जयंत वर्मा ने कहा कि महंगाई बढ़ने के जोखिम के बिना रेपो दर में कुछ हद तक कटौती की जा सकती है. उन्होंने दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करने पर जोर दिया. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति को प्रतिबंधात्मक रहना चाहिए. साथ ही अवस्फीति की उत्पादन लागत को कम करते हुए महंगाई दर को नीचे लाने पर ध्यान देना चाहिए.
आखिरी बार फरवरी में बढ़ी थी दरें
चालू वित्तीय वर्ष की आखिरी बैठक के दौरान एमपीसी ने बेंचमार्क उधार दरों को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. दरें आखिरी बार फरवरी 2023 में बढ़ाई गई थीं. महंगाई को नियंत्रण में रखने और विकास को स्थिर रखने के लिए आरबीआई 250 बीपीएस की क्युमलेटिव बढ़ोतरी पर भरोसा कर रहा है.