मारुति सुजुकी ने ऐलान किया कि उनकी कुल सेल में से 50 लाख गाड़ियां ग्रामीण भारत में बिकीं हैं. कंपनी के ऐलान के मुताबिक मारुति सुजुकी की कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी 40% है, उनके ग्रामीण भारत में 1700 के आसपास कस्टमाइज्ड आउटलेट हैं.
अप्रैल-जून के दौरान इस वित्तीय वर्ष में कुल बिक्री 3,53,614 यूनिट बेची गईं. पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में मारुति ने कुल 14,57,861 गाड़ियां बेचीं. बीते साल 2019-20 की तुलना में ये कम है, जो पिछले साल 15,63,297 था.
मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग और सेल्स) ने बताया कि “हम ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि अपने लोकल डीलर पार्टनर और ग्राहकों की बदौलत हमने ग्रामीण भारत में अभी तक कुल 50 लाख कारों की बिक्री की है.”
श्रीवास्तव ने आगे बताया कि कंपनी ने सावधानीपूर्वक सालों साल सेगमेंट की गहन रिसर्च करते हुए अपने कमिटमेंट को पूरा करते हुए प्रोडक्ट्स डिलीवर किए, जिसके चलते हमें बिक्री के स्तर पर अच्छे रिजल्ट देखने को मिले हैं.
श्रीवास्तव के मुताबिक “शहरी इलाकों के जैसे ग्रामीण भारत में ग्राहकों की आंकाक्षाएं बढ़ी हैं, वो ज्यादा अटेंशन और देखभाल चाहते हैं. रेसिडेंट डीलर सेल्स एग्जिक्यूटिव (RDSE) के नाम से हमने 12,500 ट्रेन डीलरशिप के साथ ‘गो लोकल’ की फिलॉसफी पर काम शुरू किया है. जो स्थानीय संस्कृति को समझते हैं.”
2008 में, मारुति ने ग्रामीण इलाकों की ओर एक फोकस्ड और स्ट्रक्चर्ड अप्रोच के साथ अपनी रणनीति को और मजबूत किया, जो उस समय वैश्विक वित्तीय संकट के समय सबसे कम प्रभावित रहा है.
घर-घर मारुति के लक्ष्य के साथ हमने ग्रामीण भारत पर जबरदस्त फोकस किया है, कंपनी ग्रामीण ग्राहकों के साथ गहराई से जुड़ने के लिए स्थानीय स्तर की विभिन्न पहलों को डिजाइन किया था. मारुति सुजुकी ने कहा कि उसने हाल ही में प्रीमियम कारों के लिए अपना रिटेल आउटलेट भी लॉन्च किया है. ग्रामीण हिस्सों के ग्राहकों की बदलती आकांक्षाओं के अनुरूप देश के बाजारों में नेक्सा को उतारने की योजना बनाई जा रही है.
बड़े ग्रामीण बिक्री नेटवर्क के अलावा, मारुति सुजुकी कंपनी ने बताया कि उसने 4,000 से अधिक सर्विस टच पॉइंट भी तैयार किए हैं. इसमें ग्रामीण ग्राहकों को बिक्री के बाद मदद करने के लिए 235 ‘सर्विस-ऑन-व्हील्स’ भी शामिल किए हैं.
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